ओ दिन घलो का दिन रहिस
मोर बचपन के!
बेमची बेमचा ल कूदावन, (मेंढक)
अऊ तहा घर घूंदिया बनावन।
खाले खुच में कई बार तो
अपने घलो बिहा रचावन।।
लुकउल छुवउल के रेंधी दांव,
संगी आथे सुरता ओ
ना.न्हें.प.न. कहां ले पांव
मैं ओ नान्हेंपन कहां ले पांव...!!!
-- पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी
मुंगेली-छत्तीसगढ़
Monday, July 2, 2018
ओ नान्हेंपन कहां ले पांव
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
न्यू २
प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय, ...
-
गोस्वामी की शव की संस्कार पुत्र या शिष्य,कुल रीति से संस्कार करें। शुद्ध जल से स्नान,भभुति, पुष्प आदि से पुजा करें! चमकाध्याय व नमकाध्याय ...
-
शिवजी की पंचवक्त्र पूजा हिन्दू सनातन धर्मका सबसे बड़ा पर्व उत्सव मतलब महाशिवरात्रि। इस महारात्रि के मध्य समय ( रात्रि के 12 बजे ) वो ही ये ...
-
पं. खे मेस्वर पुरी गोस्वामी जी की राजवंश की एक झलक विक्रमादित्य के बाद १६ पीढ़ी हमारे संप्रदाय के राजाओं ने राज किया था। समुद्र पाल पुरी ...
No comments:
Post a Comment