🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
चेंच, चरोटा आनि -बानि,
भाजी -पाला उलहोवत हे।
दीदी, बहिनी, दाई मन ह,
बारी बखरी बोंवत हे।।
गाय, गरू, अऊ बइला, भइंसा,
बरदी म सकलावत हे।
हमरो छत्तीसगढ म संगी,
मानसून अब आवत हे।। ☔☔☔⛅⛅⚡
🐌
केकरा, घोंघी नींद ले जागे,
🐞झेंगुरा, फांफा नाचय जी।
🐸
बेंगवा घर म घलो झमाझम,
कईसन डी. जे. बाजय जी।।
🐍
पिटपिटी बिचारा का करय, एति -ओति मटमटावत हे।
हमरो छत्तीसगढ म संगी,
मानसून अब आवत हे।। ☔☔☔⛅⛅⚡
👫
लइका मन ह चिखला म,
घरघुंदिया बिकट बनाहीं।
चलही कागज के डोंगा जब,
गली म धार बोहाही।।
इस्कुल खुलगे जावव कइके,
दाई -ददा जोजियावत हे।
हमरो छत्तीसगढ म संगी,
मानसून अब आवत हे।। ☔☔☔⛅⛅⚡
बऊग बतर के किरनी मन,
दिया बाती म झपावत हे !
हमरो छत्तीसगढ म संगी,
मानसून अब आवत हे।। ☔☔☔⛅⛅⚡⚡
No comments:
Post a Comment