Monday, July 2, 2018

नारी के महिमा

नारी के महिमा
रचना:- पं. खेमेस्वर पुरी गोस्वामी
"छत्तीसगढ़िया राजा"
मुंगेली-छत्तीसगढ़ 7828657057

दाई बनके तैं जनम देहेस

हष्ट-पुष्ट बलवान करेश
 
सबले पहिली तोर अभिनंदन

बिहना-मंझनिहा-संझा करंव

शत-शत तोला मैं प्रणाम करंव।

बहिनी बनके साथ-संग रहे

रिश्ता तैंहा निभाये

मर्यादा ल बचा के रखे

तोर पांव म माथ नवांव

शत-शत तोला मैं प्रणाम करंव।

पत्नी बन पतिव्रता संग मोर साथ निभायेस

मोला अपन मांग में सिंदूर कस सजायेस

तोर-करनी धरनी का मैं तो

कइसे  गुणगान करंव

शत-शत तोला मैं प्रणाम करंव।

No comments:

Post a Comment

naxal hidma

जंगल, ज़मीन, और गुमशुदा 'हीरो' : क्या हिडमा सिर्फ एक नक्सली था,या व्यवस्था का आईना? बीते दिनों जब एक कथित नक्सली कमांडर हिडमा के नाम...