हे चुनाव नजदीक, सुन भइ माधो
नेता माँगही भीख, सुन भइ माधो
गंगाजल के लोटा, आज मुड़ि मे धरे हवे
कल थूकही पीक, सुन भइ माधो
निकल न जाए साँप, तान लव लाठी
नई ते हो जाहि वोट लीक, सुन भई माधो
खद्दरधारी हिरन बड़े मायावी
लबारी में कसके चिल्लाहीं
, सुन भइ माधो
करतूत के पोल, चउक चउक में
लोकतंत्र इन सीखाहीं, सुन भइ माधो।।
-~- पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी
मुंगेली-छत्तीसगढ़
7828657057
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