लाशों का अम्बार लगा है, सड़क अटी है केरल में।
बाढ़ भयानक , पानी पानी, बादल फटी है केरल में।।
ईश्वर का अभिशाप लगा है, सहन करो चुपचाप इसे।
भूल गये क्या बीच सड़क पर गाय कटी है केरल में ।।
✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍
मुंगेली महाराज - छत्तीसगढ़
साभार:-
श्री ज्ञानेन्द्र गिरि, देहरादून
95578 54847
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