हिंदी है आन बान, हिंदी ही शान।
हिंदी है रूप रंग, हिंदी ही पहचान।।
जग में मधुर भाषा, एक ही महान।
मन और धन ही क्या,जीवन कुर्बान।।
मन और धन ही क्या,जीवन कुर्बान।।
©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
मुंगेली - छत्तीसगढ़
७८२८६५७०५७
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