Thursday, March 14, 2019

चलते चलते

" बन जाऊँ तेरी प्यारी तुझे प्यार करते करते ,
     जीवन बिताया सारा कान्हा यूँ ही इन्तज़ार करते ,
  है दिल में मेरे केवल तुझसे ही मिलने की उमंगें ,
     कभी आ भी जाओ प्रियतम यूँ ही राह चलते चलते "|

सूरत नजर आने लगी

हे कान्हा... मेरे प्यारे सावरे... मेरे चितचोर,
  नजरों का क्या कसूर जो दिल्लगी तुमसे हो गई...
  तुम हो ही इतने प्यारे की मोहब्बत तुमसे हो गई..
अब दिल की मेरी हसरत जुबां पर आने लगी ,
तुमको देखा और जिंदगी मेरी मुस्कुराने लगी..!
कोई सुध ही नहीं, ऐसी हुईं तुमसे मेरी दीवानगी
हर सूरत में बस एक तेरी सूरत नज़र आने लगी..!!

Thursday, March 7, 2019

परिधान पर कुछ विचार


*आपका परिधान आपकी संस्कृति और देखने वाले के भाव का परिचायक बनता है🙏*

*👩‍🦰तन्वी को सब्जी मण्डी जाना था..*

👉उसने जूट का बैग लिया और सड़क के किनारे सब्जी मण्डी की ओर चल पड़ी...

तभी पीछे से एक ऑटो वाले ने आवाज़ दी : —
*'कहाँ जायेंगी माता जी...?''*

तन्वी ने ''नहीं भैय्या'' कहा तो ऑटो वाला आगे निकल गया.

👉अगले दिन
तन्वी अपनी बिटिया मानवी को स्कूल बस में बैठाकर घर लौट रही थी...

तभी पीछे से एक ऑटो वाले ने आवाज़ दी :—
*''बहनजी चन्द्रनगर जाना है क्या...?''*

तन्वी ने मना कर दिया...

पास से गुजरते उस ऑटोवाले को देखकर
तन्वी पहचान गयी कि ये कल वाला ही ऑटो वाला था.

👉आज तन्वी को
अपनी सहेली के घर जाना था.

वह सड़क किनारे खड़ी होकर ऑटो की प्रतीक्षा
करने लगी.

तभी एक ऑटो आकर रुका :—
*''कहाँ जाएंगी मैडम...?''*

तन्वी ने देखा 👀
ये वो ही ऑटोवाला है
जो कई बार इधर से गुज़रते हुए उससे पूछता रहता है चलने के लिए..

तन्वी बोली :—
''मधुबन कॉलोनी है ना सिविल लाइन्स में, वहीँ जाना है.. चलोगे...?''

ऑटोवाला मुस्कुराते हुए बोला :—
''चलेंगें क्यों नहीं मैडम..आ जाइये...!"

ऑटो वाले के ये कहते ही तन्वी ऑटो में बैठ गयी.

*👉ऑटो स्टार्ट होते ही तन्वी ने जिज्ञासावश उस ऑटोवाले से पूछ ही लिया : —*

''भैय्या एक बात बताइये...❓

🤔दो-तीन दिन पहले
आप मुझे माताजी कहकर
चलने के लिए पूछ रहे थे,

🤔कल बहनजी और आज मैडम, ऐसा क्यूँ...❓''

*🙏ऑटोवाला थोड़ा झिझककर शरमाते हुए बोला :—*
*''जी सच बताऊँ...*
*आप चाहे जो भी समझेँ*
*पर किसी का भी पहनावा हमारी सोच पर असर डालता है.*

*▪आप दो-तीन दिन पहले साड़ी में थीं* तो एकाएक मन में आदर के भाव जागे,

क्योंकि,

*मेरी माँ हमेशा साड़ी ही पहनती है.*

इसीलिए मुँह से
स्वयं ही *"माताजी'"* निकल गया.

*▪कल आप*
*सलवार-कुर्ती में थीँ,*
जो मेरी बहन भी पहनती है.

इसीलिए आपके प्रति
*स्नेह का भाव* मन में जागा और
मैंने *''बहनजी''* कहकर आपको आवाज़ दे दी.

▪आज आप जीन्स-टॉप में हैं, और *इस लिबास में माँ या*
*बहन के भाव तो नहीँ जागते*.

इसीलिए मैंने
आपको *"मैडम"* कहकर पुकारा.

*कथासार👇👇👇👇*

हमारे परिधान का न केवल हमारे विचारों पर वरन दूसरे के भावों को भी बहुत प्रभावित करता है.
*टीवी, फिल्मों या औरों को देखकर पहनावा ना बदलें, बल्कि विवेक और संस्कृति की ओर भी ध्यान दें.*

     *"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"*
धार्मिक प्रवक्ता (सत्य सनातन धर्म)
     ओज-व्यंग्य कवि-गीतकार
           मुंगेली-छत्तीसगढ़

Friday, March 1, 2019

श्री राधा श्री राधा

*यह नाम प्रेम का सार*
*श्रीराधा श्रीराधा*
*चल बाँवरी नाम उच्चार*
*श्रीराधा श्रीराधा*

*कब तक भव सिन्धु डोले*
*तेरी नाव खाए हिचकोले*
*अब पकड़ एक पतवार*
*श्रीराधा श्रीराधा*
*हो भव सिन्धु से पार*
*श्रीराधा श्रीराधा*

*रही जन्म जन्म से निर्धन*
*यह नाम ही है सच्चा धन*
*यही करे अब तेरा उद्धार*
*श्रीराधा श्रीराधा*
*नित बहे प्रेम रस धार*
*श्रीराधा श्रीराधा*

*प्यारी का धाम बरसाना*
*वहाँ कर ले आना जाना*
*यही है सच्चा दरबार*
*श्रीराधा श्रीराधा*
*मुख से कह बारम्बार*
*श्रीराधा श्रीराधा*

*रज थोड़ी सीस चढ़ा ले*
*जिव्हा से नाम तू गा ले*
*राधा नाम की चुनर डार*
*श्रीराधा श्रीराधा*
*यही है सच्चा श्रृंगार*
*श्रीराधा श्रीराधा*

*यह नाम प्रेम का सार*
*श्रीराधा श्रीराधा*
*चल बाँवरी नाम उच्चार*
*श्रीराधा श्रीराधा*

भगवान श्री कृष्ण के ८ पत्नी व ८० पुत्र

भगवान कृष्ण की 8 पत्नियों और 80 पुत्रों के बारे में रोचक जानकारी
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भगवान श्री कृष्ण की 8 पत्नियां थी। प्रत्येक पत्नी से उन्हें 10 पुत्रों की प्राप्ति हुई थी इस तरह से उनके 80 पुत्र थे।  आज हम आपको श्री कृष्ण की 8 रानियों और 80 पुत्रों के बारे में बताएँगे। यह भी पढ़े-  कैसे खत्म हुआ श्रीकृष्ण सहित पूरा यदुवंश?

1. रुक्मणी
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महाभारत अनुसार कृष्ण ने रुक्मणि का हरण कर उनसे विवाह किया था। विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणि भगवान कृष्ण से प्रेम करती थी और उनसे विवाह करना चाहती थी। रुक्मणि के पांच भाई थे- रुक्म, रुक्मरथ, रुक्मबाहु, रुक्मकेस तथा रुक्ममाली। रुक्मणि सर्वगुण संपन्न तथा अति सुन्दरी थी। उसके माता-पिता उसका विवाह कृष्ण के साथ करना चाहते थे किंतु रुक्म चाहता था कि उसकी बहन का विवाह चेदिराज शिशुपाल के साथ हो। यह कारण था कि कृष्ण को रुक्मणि का हरण कर उनसे विवाह करना पड़ा।
रूक्मिणी के पुत्रों के ये नाम थे- प्रद्युम्न, चारूदेष्ण, सुदेष्ण, चारूदेह, सुचारू, विचारू, चारू, चरूगुप्त, भद्रचारू, चारूचंद्र।

2. सत्यभामा
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सत्यभामा, सत्राजीत की पुत्री थी, सत्राजीत को शक्तिसेन के नाम से भी जानते है।
सत्यभामा के पुत्रों के नाम थे- भानु, सुभानु, स्वरभानु, प्रभानु, भानुमान, चंद्रभानु, वृहद्भानु, अतिभानु, श्रीभानु और प्रतिभानु।
श्यामा श्याम तत्वज्ञान परिवार
हमारा उदेश्य प्रभु तत्वज्ञान को जन जन तक पहुँचाना l

3. सत्या
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सत्या राजा कौशल की पुत्री थी।
सत्या के बेटों के नाम ये थे- वीर, अश्वसेन, चंद्र, चित्रगु, वेगवान, वृष, आम, शंकु, वसु और कुंत।

4. जाम्बवंती
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जाम्बवंती, निषाद राज जाम्बवन की पुत्री थी। जाम्बवान उन गिने चुने पौराणिक पात्रों में से एक है जो रामायण और महाभारत दोनों समय उपस्तिथ थे। 
जाम्बवंती के पुत्र ये थे- साम्ब, सुमित्र, पुरूजित, शतजित, सहस्रजित, विजय, चित्रकेतु, वसुमान, द्रविड़ व क्रतु।

5. कालिंदी
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कृष्ण की पत्नी कालिंदी, खांडव वन की रहने वाली थी। यही पर पांडवो का इंद्रप्रस्थ बना था।
कालिंदी के पुत्रों के नाम ये थे- श्रुत, कवि, वृष, वीर, सुबाहु, भद्र, शांति, दर्श, पूर्णमास एवं सोमक।

6. लक्ष्मणा
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मद्र कन्या लक्ष्मणा, वृहत्सेना की पुत्री थी।
लक्ष्मणा के पुत्रों के नाम थे- प्रघोष, गात्रवान, सिंह, बल, प्रबल, ऊध्र्वग, महाशक्ति, सह, ओज एवं अपराजित।

7. मित्रविंदा
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मित्रविंदा, अवन्तिका की राजकुमारी थी।
मित्रविंदा के पुत्रों के नाम – वृक, हर्ष, अनिल, गृध, वर्धन, अन्नाद, महांश, पावन, वहिन तथा क्षुधि।

8. भद्रा
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कृष्ण की अंतिम पत्नी, भद्रा केकय कन्या थी।
ये थे भद्रा के पुत्र – संग्रामजित, वृहत्सेन, शूर, प्रहरण, अरिजित, जय, सुभद्र, वाम, आयु और सत्यक।

विशेष👉 इनके अलावा श्री कृष्ण की 16100 और पत्नियां बताई जाती है। इन 16100 कन्याओं को श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध कर मुक्त कराया था और अपने यहाँ आश्रय दिया था।  इन सभी कन्याओं ने श्री कृष्ण को पति स्वरुप मान लिया था।
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न्यू २

प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय,   ...