प्राण के अधारे तुम कितको सिधारे आज जित्यो मुकुटन ओ कश्मीर सुरझारी है.!
चंद्रयान भेज दिन्हे, तलाक तीन तोड़ दिन्हे धारा ३७० अब दशा ये तुम्हारी है.!!
आतंक मिटाए के तापन हटाए देव अव युद्ध अविराम नयन न निहारी है.!
सोम तीनों बीत भये मुफ्ती सखी चित् भये, चौथे राम धाम मोदी तो विचारी हैं..!!
*पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी*
ओज व्यंग्य कवि - मुंगेली
प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रदेश प्रवक्ता
अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७
No comments:
Post a Comment