नींद और चैन दोनों खो गये, हम तुम्हीं को याद कर सो गये
हो गये हैं सनम आपके, फ़ासले न जाने क्यों हो गये
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
जान सच कहते हैं तेरी कसम, तुम बिन बेजान हो गये हम
प्यार हम करते कितना तुझे, कितने भी यार कर ले सितम
रात और दिन फसाने हो गये, हम तुम्हीं को याद कर सो गये
हो गये हैं सनम आपके, फ़ासले न जाने क्यों हो गये
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आग कैसी जानम दिल में लगी, कर गये तुम क्यों दिल्लगी
याद तुम आते हो तन्हाई में, बन गये तुम मेरी जिन्दगी
नैन ये बैचेन क्यों हो गये, हम तुम्हीं को याद कर सो गये
हो गये हैं सनम आपके, फ़ासले न जाने क्यों हो गये
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
है लबों की मय तुम्हारे लिये, हैं गुलाबी गाल तुम्हारे लिये
दिलोज़िग़र तुम्हें दे दिया, कर दिया एलान तुम्हारे लिये
रास्ते दुश्वार से हो गये, हम तुम्हीं को याद कर सो गये
हो गये हैं सनम आपके, फ़ासले न जाने क्यों हो गये
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रात है जवां ईनाम दो, आओ और पास हमें थाम लो
बीत जायें न यूँ ही पल छिन, जज़्बातों को अन्जाम दो
तुम मिले न यार हम रो गये, हम तुम्हीं को याद कर सो गये
हो गये हैं सनम आपके, फ़ासले न जाने क्यों हो गये
©"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"®
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
8120032834/7828657057
No comments:
Post a Comment