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उसने देखा तो आँख भर देख़ा
हो के दुनिया से बेखबर देखा
आँख मदहोश जिस्म बेकाबू
उसने मुझको जो झूम कर देखा
सच है ये मैने अपनी आँखो से
जादू ए इश्क़ का असर देखा
इस तरह छा गया तसब्बुर में
ख्वाब में उसको रात भर देखा
वक्ते रुख़सत में आँख नम कर के
छूटता पीछे मैने घर देखा
एक पल में वो कर गया पागल
खूब उस यार में हुनर देखा
बिजलियाँ सी गिरी हैं सीने पर
क्रिश जब उसको चश्मे तर देखा
©"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"®
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
8120032834/7828657057
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