ए चीन सुन और पाकिस्तान से भी जा करके कह देना।
भारत ने अब दिए छोड़,हजार जुल्मों सितम सह लेना।।
गर बार कभी अब सीमा पर, आतंक के हथियार दिखे।
दोनों को साथ जला कर,राख में मिला न दी तो कह लेना।।
दिन हुए बहुत हैं जो शौर्य के,वो भी तुमको दिखला देंगे।
प्रीत रखोगे हमसे तो हम तुमको, मोहब्बत सिखला देंगे।।
भाई भाई में मजहब की,लड़ाई,गर तुम करने की सोचोगे।
परशुराम सा भड़क उठे जो,क्षण में मिट्टी में भी मिला देंगे।।
हममें राम सी मर्यादा है,तुम मोहम्मद गौरी सा भड़कीले हो।
हममें कृष्ण सा प्रेम भरा, और तुम बाणासुर से सर्पीले हो।।
भूल बैठे हो शायद इतिहास हमारा, महाभारत सी गाथा है।
जब ब्रह्मास्त्र चल गया कहीं,ना बचोगे चाहे कवच नुकीले हो।।
©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
मुंगेली - छत्तीसगढ़
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