Monday, September 30, 2019

आज का सुविचार

*जब दर्द और कड़वी बोली*
           *दोनों सहन होने लगे*
*तो समझ लेना की..*
                   *जीना आ गया ।।*
*प्रतिभा ईश्वर से मिलती है,*
*नतमस्तक रहें..!*
*ख्याति समाज से मिलती है,*
*आभारी रहें..!*
*लेकिन,,,*
*मनोवृत्ति और घमंड स्वयं से मिलते हैं,*
*सावधान रहें..!!*

*🌻🌺 सुप्रभात 🌺🌻*
       *आप का दिन शुभ हो*

आज का संदेश

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
*नजर  और  नसीब  का  कुछ*
         *ऐसा इत्तेफाक है कि....*   
   *नजर  को अक्सर  वही चीज*
         *पसन्द आती है.......*
  *जो  नसीब  में  नहीं  होती  है* 
         *और............*
   *नसीब    में     लिखी     चीज*   
         *अक्सर नजर नहीं आती....!*

🌹🌹🙏 *शुभ प्रभात*🙏🌹🌹

जब याद तेरी आती है


जब याद तेरी आती है
                         आंखों से छलक जाता है..(२)
कितना भी छुपाऊं इनको
                         पर प्यार झलक जाता है...(२)...(२)
तेरी ओ मीठी बँतियां (२)
                        अब  याद  मुझे  आती है...(२)
फिर से उनको सुनने को ...ये दिल तड़प जाता है...
                 जब याद तेरी आती है..........

हसीन सा तेरा चेहरा ...(२)
                        उन पर जुल्फों का पहरा....(.२)
वो कानों की जो बाली (२)
                        तेरी अधरोँ की ओ लाली....(२)
तेरे बालों का गजरा.. यादों में अटक जाता है.....
              जब याद तेरी आती है............……

वो दिन भी क्या दिन थे..(२)
                         जब हम दोनों मिलते थे...(२)
लगता था यूं कि जैसे .(२)
                       बगिया में फूल खिलथे थे..(२)
देख के जोड़ी अपनी.(२)
                       जहां के लोग यूं जलते थे..(२) 
मुझसे बिछड़कर अब ..क्या ओ चहक आता है.....
                   जब याद तेरी आती है......

तेरा मचल के चलना.(२)
                          संग में ओ आहें भरना..(२)
हिरनी सी चाल तेरी..(२)
                          उसपर तानें मेरे कसना..(२)
थी अपनी ही सरकार..(२)
                         फिर था ही किससे डरना..(२)
क्या ऐसे ही बिन बात, बोलो कोई बहक जाता है....
                     जब याद तेरी आती है.......

तेरी ओ अंतिम बातें.(२)
                           पिया संग में सदा रहेंगे..(२)
तेरी मधुर ओ वादें.(२)
                           अब संग ही जिएं मरेंगे.(२)
दूर चले गए जो तुम हो.(२)
                          अब हम कैसे प्रीत गढ़ेंगे..(२)
बिन मेरे फिर कैसे अब..वो दिल धड़क जाता है..
                जब याद तेरी आती है…………

जब याद तेरी आती है
                         आंखों से छलक जाता है..(२)
कितना भी छुपाऊं इनको
                         पर प्यार झलक जाता है...(२)...(२)
तेरी ओ मीठी बँतियां (२)
                        अब   याद मुझे  आती है...(२)
फिर से उनको सुनने को ...ये दिल तड़प जाता है...

               ©सर्वाधिकार सुरक्षित®

             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
              व्यंग्य, लेखक, गीतकार
          प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
   अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
      ८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७

Sunday, September 29, 2019

आज का संदेश

अभिमान तब आता है*
*जब हमे लगता है हमने कुछ काम किया है,*
                     *और*
*सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है, कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है*
          *जो दूसरों को इज़्ज़त देता है*
    *असल में वो खुद इज़्ज़तदार होता है*
                     *क्योकि*
      *इंसान दूसरो को वही दे पाता है*
          *जो उसके पास होता है।*

Saturday, September 28, 2019

आज का संदेश

*कठोर परिश्रम या कड़ी मेहनत मनुष्य का असली धन होता है। बिना कठिन परिश्रम के सफलता पाना असंभव है। इस दुनिया में जो व्यक्ति कठिन परिश्रम करता है सफलता उसी का कदम चूमती है। कड़ी मेहनत करने वाले लोग मिट्टी को भी सोना बना देते हैं।*

मानष और वर्तमान समाज

मनुस्मृति : *मानस और वर्तमान समाज*

आज अनेकों जगह बलात्कार कि घटनाएं व्यभिचार और दरिंदगी कि समाचार हर जगह चल रहे हैं, कुछ होने के बाद कथित मॉर्डन लोग और बड़े बड़े पत्रकार मुँह उठा के चिंता व्यक्त करते हैं कुछ महिला संगठन बबाल करने के लिए रोड पर उतर जाती हैं लोग कैंडल मार्च करते हैं फिर कुछ समय के बाद सब भुल जाते हैं; पर्याप्त मात्रा में क़ानून भी है पर क्या ये सारी घटनाएं खत्म हो गयीं नहीं क्या कारण है क्यों हो रहा है किसी को कुछ पता नहीं और नौटंकी जरूर करना है।

स्कूलों से विश्वविद्यालय पर्यंत चरित्र निर्माण बालक बालिकाओं का कैसे करना है नहीं पता शिक्षा के नाम पर कुछ भी सिखा दो क्या फ़र्क पड़ता है; बस अपना धंधा चलते रहे लोगों को भोगी बनाना ही एक मात्र उद्देश्य है संस्थानों का।

जैसा आम आदि वृक्षों और भिन्न भिन्न लताओं के निमित्त किसान उसके साथ एक डंडा लगता है ताकि वह इधर उधर न जा सके एक निश्चित दिशा में बढ़े ऐसा नहीं करने पर क्या कुछ इधर कुछ उधर भाग जाते हैं, ठीक इसी प्रकार बालक और बालिकाओं का विकास एक निश्चित दिशा में हो इसके निमित्त # *संस्कार रुपी डंडा लगना चाहिए पर यह कार्य न तो माता पिता कर रहे ना शिक्षा के केंद्र।*

भगवान मनु कहते हैं:―
न हीदृशमनायुष्यं लोके किञ्चन विद्यते।
यादृशं पुरुषस्येह परदारोपसेवनम्॥4.134॥

इस लोक में पुरुषों के लिये दूसरे की माँ बहन बेटियों पर वासनात्मक नजर ऱखना और दुसरे की पत्नि के प्रति इससे बड़ा पापा इस लोक में कुछ नहीं।

और मानस कर कहते है:–
पति वंचक पर पति रति करई।
रौरव नरक कलप सत परई॥

जो अपने पति को धोखा देकर पर पुरुष के साथ सम्बन्ध बनाती है वह स्त्री सौ कल्पो तक रौरव नरक में वास करती है या अपने पति के अतिरिक्त किसी और के निमित्त सोंचती भी है तो नरक ही मिलता है।

इन सब बातों को स्कुलों में एवं सरकारी कार्यालय में नहीं तो लिखवाएंगे ना हीं बालकों को बताएंगे, बस बालकों में यह विष  घोलना है कि ब्राह्मणों ने शोषण किया मनुस्मृति समाज के लिए कलंक है मानस में औरतों का अपमान किया है शूद्रों का अपमान किया है; अम्बेडकर और उनके तथाकथित चेले कभी मनुस्मृति जलाएंगे कभी मानस को गालियाँ देंगे ताकि इनका बलात्कार और व्यभिचार को समर्थन करने और बढ़ावा देने वाली शिक्षा और संविधान बचा रहे और लोगों के मन में मनु और मानस के प्रति धृणा ज्यादा से ज्यादा बढ़े; आज के कथा करों को न तो इन विषयों का प्रचार करना है न कुछ कार्य करना है बस मुजरा और कौव्वाली करना है।

*धरम रहे चाहे जाए पैसा कैसे भी आये*

।। श्री राम जय राम जय जय राम ।।
🕉🐚⚔🚩🌞🇮🇳⚔🌷🙏🏻

                         प्रस्तुति
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
          प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
   अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
      ८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७

आज का संदेश

आज का संदेश:-

हर कोई अपने मतलब की बात करता है,,

नहीं सोचता कि दिल सामने वाले का भी दुखता है,,,,,

इतना भी मतलबी मत बनो कि सामने वाले का दिल इतना दुःख जाए कि आप उनके नजरों में गिर जाएं...
आपका दिन मंगलमय हो 💐💐💐
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
शुभ प्रभात मित्रों 💐🚩🙏🚩🌸🚩🇮🇳🇮🇳💐🚩🙏🙏🙏🚩🌸

न्यू २

प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय,   ...