*!! शुभम 🌹 सुप्रभात जी !!*
*अपनी ज़िंदगी की, उत्तर पुस्तिका को ख़ुद ही जांचिए.....*
*लोग, अपने हिसाब से, जांचेंगे, तो फेल ही करेंगे....!!!*
*🙏🏻🙏🏻जय श्रीकृष्ण 🙏🏻🙏🏻*
*प्रणाम🙏🏻*
*!! शुभम 🌹 सुप्रभात जी !!*
*अपनी ज़िंदगी की, उत्तर पुस्तिका को ख़ुद ही जांचिए.....*
*लोग, अपने हिसाब से, जांचेंगे, तो फेल ही करेंगे....!!!*
*🙏🏻🙏🏻जय श्रीकृष्ण 🙏🏻🙏🏻*
*प्रणाम🙏🏻*
*चरित्र एक वृक्ष है... और...*
*प्रतिष्ठा यश सम्मान उसकी छाया...*
*•••••लेकिन•••••*
*विडंबना यह है कि...*
*वृक्ष का ध्यान बहुत कम लोग रखते हैं...*
*और...छाया सबको चाहिए...*
*🙏सुप्रभात🙏*
*_🌞 शुभ प्रभात जी 🌞_*
*आज का सुविचार*
*संबंध, उसी आत्मा से,*
*जुड़ता है, जिनका हमसे,*
*पिछले जन्मों का, कोई रिश्ता,*
*होता है।*
*वरना, दुनिया के इस भीड़ में,*
*कौन किसको जानता है..*
*_🙏🏻🙏🏻 शुभम 🙏🏻🙏🏻_*
*प्रेम और आँसू की...*
*पहचान भले ही अलग*
*अलग हो...!*
*किन्तु दोनों का.... गोत्र एक ही है...*
*" हृदय "..!!*
*🌹 जय श्री कृष्ण*🌹
🙏शुभ प्रभात🙏
. *🙏🦚🌹जय श्री कृष्ण🌹🦚🙏*
*जमाना कल भी "खराब" था;*
*और आज भी खराब है;*
*द्रोपदी का चीर हरण करने वाले को;*
*भूल गए लोग;*
*पर;*
*जिसने सीता को हाथ ✋ भी नही लगाया;*
*वो आज तक जल रहा है।*
*🙏🌤🌹शुभ प्रभात🌹🌤🙏*
*।।आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो।।*
*जय मां शारदे*
*एक कहावत है कि*
*"नियति को कोई नहीं टाल सकता"*
*मैं भी इस बात को स्वीकार करता हूं लेकिन यदि आप नियति को टालने के प्रयास अथवा प्रयोजन ढूंढते हैं तो बिल्कुल संभव नहीं है नियति को टालना,लेकिन यदि आप इन सब में समय गंवाने के बजाय "अच्छे कर्म करते हैं परोपकार करते हैं किसी का बुरा नहीं चाहते हैं" तो नियति को टालने की जरूरत नहीं होगी.*
*बल्कि "नियति ही स्वयं को टाल देगी".*
*शुभ प्रभात आपका दिन मंगलमय हो*
नवरात्रि का पांचवा दिन : *मां स्कंदमाता*
नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गाजी के पांचवें स्वरुप मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है, इस दिन साधक का मन *विशुद्ध चक्र* में स्थित होता है।
भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता होने के कारण देवी के इस पांचवें स्वरुप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है, भगवान स्कंद *कुमार कार्तिकेय* नाम से भी जाने जाते हैं; ये प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे, पुराणों में इन्हें कुमार और शक्तिधर कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया गया है, इनका वाहन मयूर है।
स्कंदमाता के विग्रह में भगवान स्कंदजी बालरूप में इनकी गोद में बैठे हुए हैं, शास्त्रानुसार सिंह पर सवार स्कन्दमातृस्वरूपणी देवी की चार भुजाएं हैं, जिसमें देवी अपनी ऊपर वाली दांयी भुजा में बाल कार्तिकेय को गोद में उठाए उठाए हुए हैं और नीचे वाली दांयी भुजा में कमल पुष्प लिए हुए हैं ऊपर वाली बाईं भुजा से इन्होंने जगत तारण वरद मुद्रा बना रखी है व नीचे वाली बाईं भुजा में कमल पुष्प है; इनका वर्णन पूर्णतः शुभ्र है और ये कमल के आसान पर विराजमान रहती हैं इसलिए इन्हें पद्मासन देवी भी कहा जाता है।
नवरात्र पूजन के पांचवे दिन का शास्त्रों में पुष्कल महत्व बताया गया है, इस दिन साधक की समस्त बाहरी क्रियाओं एवं चित्तवृतियों का लोप हो जाता है एवं वह विशुद्ध चैतन्य स्वरुप की ओर अग्रसर होता है; उसका मन समस्त लौकिक, सांसारिक, मायिक बंधनों से विमुक्त होकर पद्मासनामां स्कंद माता के स्वरुप में पूर्ण्तः तल्लीन होता है।
*पूजा फल*
स्कंदमाता की साधना से साधकों को आरोग्य, बुद्धिमता तथा ज्ञान की प्राप्ति होती है, इनकी उपासना से भक्त की समस्त इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं, उसे परम शांति एवं सुख का अनुभव होने लगता है; स्कंदमाता की उपासना से बालरूप कार्तिकेय की स्वयं ही उपासना हो जाती है, यह विशेषता केवल इन्हीं को प्राप्त है अतः साधक को इनकी उपासना पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
सूर्यमण्डल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक आलौकिक तेज एवं कांति से संपन्न हो जाता है, संतान सुख एवं रोगमुक्ति के लिए स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए।
*पूजा विधि*
मां के श्रृंगार के लिए खूबसूरत रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, स्कंदमाता और भगवान कार्तिकेय की पूजा विनम्रता के साथ करनी चाहिए; पूजा में कुमकुम, अक्षत, पुष्प, फल आदि से पूजा करें; चंदन लगाएं, माता के सामने घी का दीपक जलाएं, आज के दिन भगवती दुर्गा को केले का भोग लगाना चाहिए, ऐसा करने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है।
*मां स्कंदमाता का मंत्र*
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
या देवी सर्वभूतेषुमां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
🕉🐚⚔🚩🌞🇮🇳⚔🌷🙏🏻
प्रस्तुति
"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७
प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय, ...