जै हनुमान कृपा के निधान सुजान करौं विनती कर जोरी,
श्री रघुनाथ के प्रिय पात्र कृपा कर नाथ करवो मम ओरी।
राम चरित्र चहौं कछु भासण कीजै सहाय कृपा निधि मोरी,
चूक विसार करो हिय वास यह दास सदा शरणा गति तोरी।।
✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍
मुंगेली - छत्तीसगढ़
7828657057
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