🙏 *प्रणाम का महत्व* 🙏
*महाभारत का युद्ध चल रहा था -*
*एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर "भीष्म पितामह" घोषणा कर देते हैं कि -*
*"मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा"*
*उनकी घोषणा का पता चलते ही पांडवों के शिविर में बेचैनी बढ़ जाती है. -*
*भीष्म की क्षमताओं के बारे में सभी को पता था, इसलिए सभी किसी अनिष्ट की आशंका से परेशान हो गए|* *तब -*
*श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा अभी मेरे साथ चलो -*
*श्रीकृष्ण द्रौपदी को लेकर सीधे भीष्म पितामह के शिविर में पहुँच गए -*
*शिविर के बाहर खड़े होकर उन्होंने द्रोपदी से कहा कि - अन्दर जाकर पितामह को प्रणाम करो -*
*द्रौपदी ने अन्दर जाकर पितामह भीष्म को प्रणाम किया तो उन्होंने -
"अखंड सौभाग्यवती भव" का आशीर्वाद दे दिया , फिर उन्होंने द्रोपदी से पूछा कि !!*
*"पुत्री, तुम इतनी रात में अकेली यहाँ कैसे आई हो? क्या तुमको श्रीकृष्ण यहाँ लेकर आये है" ??*
*तब द्रोपदी ने कहा कि -*
*"हां! और वे कक्ष के बाहर खड़े हैं" तब भीष्म भी कक्ष के बाहर आ गए, और दोनों ने एक दूसरे से प्रणाम किया -*
*भीष्म ने कहा -*
*"मेरे एक वचन को मेरे ही दूसरे वचन से काट देने का काम श्रीकृष्ण ही कर सकते है"*
*शिविर से वापस लौटते समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा कि -*
*"तुम्हारे एक बार जाकर पितामह को प्रणाम करने से तुम्हारे पतियों को जीवनदान मिल गया है "* -
*" अगर तुम प्रतिदिन भीष्म, धृतराष्ट्र, द्रोणाचार्य, आदि को प्रणाम करती होती और दुर्योधन- दुःशासन, आदि की पत्नियां भी पांडवों को प्रणाम करती होतीं तो शायद इस युद्ध की नौबत ही न आती "* -
*......तात्पर्य्......??*
*वर्तमान में हमारे घरों में जो इतनी समस्याए हैं, उनका भी मूल कारण यही है कि -*
*"जाने अनजाने अक्सर घर के बड़ों की उपेक्षा हो जाती है "*
*" यदि घर के बच्चे और बहुएँ प्रतिदिन घर के सभी बड़ों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लें तो, शायद किसी भी घर में कभी कोई क्लेश न हो "*
*बड़ों के दिए आशीर्वाद बच्चों के लिये कवच की तरह काम करते हैं! उनको कोई "अस्त्र-शस्त्र" नहीं भेद सकता -*
*"निवेदन 🙏 सभी इस संस्कृति को सुनिश्चित कर नियमबद्ध करें, तो घर स्वर्ग बन जाये।"*
*क्योंकि*:-
*प्रणाम प्रेम है।*
*प्रणाम अनुशासन है।*
*प्रणाम शीतलता है।*
*प्रणाम आदर सिखाता है।*
*प्रणाम से सुविचार आते है।*
*प्रणाम झुकना सिखाता है।*
*प्रणाम क्रोध मिटाता है।*
*प्रणाम आँसू धो देता है।*
*प्रणाम अहंकार मिटाता है।*
*प्रणाम हमारी संस्कृति है।*
🙏 🙏 🙏
प्रस्तुति
"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
प्रदेश संगठन मंत्री एवं प्रवक्ता
अंतरराष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी छत्तीसगढ़
८१२००३२८३४-/-७८२८६५७०५७
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