तेरी जुदाई का बडा दिल को मलाल हो
आते रहे खयाल तेरी कुर्बत के रातदिन
छाया हुवा निगाह में तेरा हुस्नी जमाल है
देखा भली नजर से तुमको सदा सनम
फिर क्यूं जगा ये आपके मनका सवाल है
पयहम रहा में आपकी तखलीक में रवां
अनहोनी सोच पर टीका सब मेरा हाल है
करदे तु हल ये मसअला अपने विसाल का
तेरे बगैर जिंदगी को मेरा जीना मुहाल है
मासूम बदलते दौर की बदली फिझा मिली
रंगों भरे जहान का रूख बे मिसाल है
*आशा क्रिश गोस्वामी*