Monday, November 16, 2020

अब क्या बताएं आपका कितना खयाल है

अब क्या बताएं आपका कितना खयाल है
तेरी जुदाई का बडा दिल को मलाल हो

आते रहे खयाल तेरी कुर्बत के रातदिन 
छाया हुवा निगाह में तेरा हुस्नी जमाल है

देखा भली नजर से तुमको सदा सनम
फिर क्यूं जगा ये आपके मनका सवाल है 

पयहम रहा में आपकी तखलीक में रवां 
अनहोनी सोच पर टीका सब मेरा हाल है 

करदे तु हल ये मसअला अपने विसाल का
तेरे बगैर जिंदगी को मेरा जीना मुहाल है

मासूम बदलते दौर की बदली फिझा मिली
रंगों भरे जहान का रूख बे मिसाल है

              *आशा क्रिश गोस्वामी*

तुम्हारी मुस्कानें .

*** तुम्हारी  मुस्कानें ***

उजियारे का सार, तुम्हारी  मुस्कानें .
अपना तो संसार, तुम्हारी  मुस्कानें .

दीपोत्सव मे मिष्ठानो , पकवानो  सी,
खुशियों का उपहार,तुम्हारी  मुस्कानें .

रूप  पूर्णिमा  और सितारों से नयना,
 घर-आँगन और द्वार , तुम्हारी मुस्कानें .

उड़ी तितलियां रेशम कलियों को छूकर,
ऐसी , इस प्रकार, तुम्हारी  मुस्काने.

काव्य प्रेरणा ,सुन्दर शब्दों की बरखा,
गीतों  का श्रंगार , तुम्हारी  मुस्कानें .

मेरी पलकों का ,अभिवादन  और नमन,
करती  हैं स्वीकार , तुम्हारी  मुस्काने.

स्नेह तुम्हारा अमृत , तुलसी , रंगोली,
जीवन  का आधार, तुम्हारी  मुस्कानें .

दिव्य चेतना , मेरी शक्ति और साहस , 
कंचन  किरण हजार, तुम्हारी  मुस्कानें .

       *आशा क्रिश गोस्वामी*

है ज़िन्दगी मेरी , मेरा जाँनिसार है आशा

है ज़िन्दगी मेरी , मेरा जाँनिसार है आशा
यादों में है मेरी दिल मे बरकरार है आशा

हरेक अदा निराली है मोहब्बत में उनकी
हर दिल अजीज है मेरा राजदार है आशा

सुनते है आशिको पे करता रहम है प्रभू
भरता है सब के कासे परवरदिगार है आशा

कह दूँ में कैसे की उनसे मोहब्बत नही है
दिन का सुकूँ मेरे रातों का करार है आशा

बस इक वही जमाने मे मुझे सबसे प्यारा
दिल की खुशी मेरे मेरा गमगुसार है आशा

था उम्र भर जमाने की ठोकरों में ही मैं
हूँ अब तलक सलामत मेरा प्यार है आशा

*❣️आशा क्रिश गोस्वामी❣️*

गले से लगाया तुम्हे तो ये हुवा एहसास मुझको,

© *गजल*
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*आसमाँ की आगोश में, बीजलियाँ सिमट गयी।*
*समदंर के बाहों में बलखाती नदिया सिमट गयी।*

*गले से लगाया तुम्हे तो ये हुवा एहसास मुझको,*
*की जैसे मेरी बाहो में सारी दुनिया सिमट गयी।*

*परेशान कर रही थी मुझे, तुम्हारी याद दिलाकर,*
*तुम सामने आये तो सिने में हिचकीयाँ सिमट गयी।*

*रिवाजो की ऊँची दिवार, बंदिशे जमाने की थी,*
*फिर भी मिले दो दिल और हथकडीयाँ सिमट गयी।*

*जुदाई देर तक हमारे हिस्से में कहाँ रहेती है जान,*
*बंद आँखो से दीदार किया और दुरीया सिमट गयी।*

*तु आसमाँ का चाँद, क्रिश ज़मी का सितारा,* 
*मिलने की चाह में देखो मजबुरीयाँ सिमट गयी।*
            ✍ *आशा क्रिश गोस्वामी*

Friday, November 6, 2020

बेटियां

महकते हुए आंगन कि रोशनाई है बेटियां....
धूप में है साया उमस में पुरवाई है बेटियां....

तेरे आंगन में ही उसका बचपन खेला था
फिर क्यों ये सितम की पराई है बेटियां....

उड़ेगी चिरैया की तरह घर की शाखो से
फिर बहुत रुलाएगी एक तन्हाई है बेटियां....

चेहरे का नूर है संस्कार की है मिसाल
लबों की है तब्बसुम और बीनाई है बेटियां....

सर का ताज और घर की शान होती है
जख्मों पे मरहम मर्ज की दवाई है बेटियां....

बन कर रोशनी अंधेरों को निगल गई
दोनों घरों के दरम्यान जगमगाई है बेटियां.

          "आशा क्रिश गोस्वामी"✒️

Wednesday, November 4, 2020

करवा चौथ

चन्द्र अर्ध्य देती देवी,निर्जला है व्रत देवी,
पति के चिरायु हेतु, करवा को कीजिये। 

पूजा के विधान से वो, माता करवा पूजे जो।
सुख शान्ति घरों में हो,दुग्ध अर्ध्य दीजिये।

चलनी में चांद देख, पति मुख देख देख।
जल वो ग्रहण करे ,पति हाथ पीजिये।

भावना जब पूर्ण हो,कामना सम्पूर्ण हो,
करवा चौथ व्रत से,"प्रेम" फल लीजिये।

*आशा क्रिश गोस्वामी*

न्यू २

प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय,   ...