Monday, September 10, 2018

सैनिक पत्नी के तीजा

बिन दरस पिया ऐ बम  भोला
                     कईसे मै रिझावँव तोला।
अब होथे खुद के व्रत म मोला
                     भरोसा असमंजस मोला।।
पूरा जीनगी तो मोर करूच हे,
                   कईसे खांव ऊपर ले करेला।
रंगरंग के फरहार कईसे खाँहू ,
                   पिया सीमा मा जरे हे शोला।।
मैं महारानी घर मा बईठे हाँव,
                   अकेला भेज सीमा मा ओला।
काश  अगर व्रत  ले खुश हस,
                   वचन संग के निभान दे मोला।।
सीमा मा ओखर संग बलिदानी,
                   होवन देना प्रभु अब तो मोला।
बड़ तकलीफ़ मिलथे सत्ता ले,
                   बंधन में बांध दिए हे तो ओला।।
हथियार धरे हांथ  फेर बंधे  हे,
                    जंजीर खोलन देना अब मोला।
काली कहूं कोनो हमला होगे,
                     शहीदी के तो मिलही नतीजा।
अईसन कखरो संग झैन होवय,
                      का फेर रहीन उपवास तीजा।।
गर करना दुनिया में अमन-चैन,
                      झन खवा तैं करेला के बीजा।
हमरो चण्डी ताकत ल मौका दे,
                      बदल  रखबो  जंग ए नतीजा।।
भरोसा सरकार पल भर तोड़थे,
                     आस के कईसे लगावंव बगीचा।
बिन दरस पिया ऐ बम भोला,
                      कईसे मनावंव मैं हर तो तीजा।।
अब सजना मोर सीमा में अड़े हे,
                      कईसे सिंगारँव तन के बगीचा।
आवय लहूट के पिया मोरो अब,
                   ओखरे बर रहिथंव उपास जीजा।।

©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
          मुंगेली - छत्तीसगढ़
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           ८१२००३२८३४

Wednesday, September 5, 2018

प्यार सच्चा हो जाता है

सेवा का अवसर आने पर, सेवकों का पता चलता है,
रिश्तेदारों के प्यार का पता दुःख के समय ही लगता है।
मित्रों की मित्रता का पता संकट के समय ही चलता है,
जब साथ न हों सच्चे शुभचिंतक,अकेलेपन ही लगता है।।
पत्नी के प्रेम का उस समय पता चलता है,जब आदमी निर्धन हो जाता है।
जो ऐसे मौकों पर साथ देते हैं तो, उन्हीं का तो  प्यार सच्चा हो जाता है !!

               ©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
                         मुंगेली - छत्तीसगढ़
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Tuesday, September 4, 2018

शिव स्तुति

जय शिव शम्भू गीरीश फणीश अहीश कलेश निवारी।
जयति दिगम्बर देव उमावर संखिया भांग धतूर अहारी।।
हे नाथ सदाप्रणवौंपदपंकज जयजगवंदन जय त्रिपुरारी।
राम चरित्र प्रकाशन में करूणाकरि राखहु लाज हमारी।।

               ✍पं.खेमश्वर पुरी गोस्वामी✍
                  युवा साहित्यकार-पत्रकार
                      मुंगेली छत्तीसगढ़
           ८१२००३२८३४-७८२८६५७०५७

शिक्षकों के लिए एक दिन नहीं हर दिन होना चाहिए

ज्ञान ले बड़े कोनो नि होवे संगी बड़े हथियार।
स्कूल ले बड़े कोनो नि होवे मंदिर न दरबार।।
भले शुरुआत होथे उंहा जेला कहिथें परिवार।
फेर ओखर बाद ज्ञानमंदिर होथे हमर संसार।।
सीखाथें बहुत कुछ हमनला ज्ञान  इही संसार।
कुछ गुरुजी मन ले,कुछ सीखन तो संगी यार।।
कइसे बड़े हो जाथन, नि समझेंव  पाये न पार।
परभरमी बर हमन फेर कईसे हो जाथन तैयार।।

कतका अच्छा रहिसे ओ दिन जब हमन लईका रहेन।
काबर के ओ  दिन हमन  सबो  बुता बर सईका रहेन।।

हाई स्कूल के पढ़ाई ले तो हमर दुनिया बदल ही जाथे।
मानो कि पढ़ई-लिखई के अब बेरा घलो ह बदल जाथे।।
अब तो ज्ञान नहीं नंबर लाए के तरीका ला बताए जाथे।
नकल करत बड़े बड़े घर के,मन ह कमरा में पाए जाथे।।

का बतांव संगी अब शिक्षा के कोनो मोल नि रईहगे।
गुरुजी मन के बोली जईसे अब अनमोल नि रईहगे।।

भागत हे दुनिया अब ज्ञान छोड़ नंबर के पाछू पाछू।
पच्चासी नंबर आगे कहूं, तहन भूलागे गुरुजी पाछू।।

फेर घलो कहिथे खेमेश्वर नंबर के नि हावे कोनो मोल।
ज्ञान के आगू नंबर के न औकात, नि हावे कोनो  तौल।।

आज खेमेश्वर काहत हे, गुरु के अब्बड़ सम्मान करव।
नंबर नहीं संगवारी ईंखर ले ज्ञान के तो आहवान करव।।
स्कूल  बाद कालेज में घलो, गुरू के रोज प्रणाम करव।
शिक्षा के हरे ए बड़े मंदिर,एला अब झन बदनाम करव।।
शिक्षक के कोनो एकेच दिन,न होये अइसन काम करव।
हर शिक्षक ल लईका पर, गरब होये अइसन नाम करव।।

             ©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
                         मुंगेली छत्तीसगढ़
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Monday, September 3, 2018

करगा मन ला बड़े छांटो

गर करना हे देश मा एक छत्र राज,
                         आपस में तो सबला बांटो।
युवा,प्रतिभा ला मारव गोली आज,
                         करगा मन ला बड़े  छांटो।।
आरक्षण बड़ सुघर स्कीम हे..........
फर्जी केस के चलवादव फेर राज,
                         प्रतिभा के तो रददा काटो।
जेन ल समझेन राष्ट्र वादी जिहाज,
                         निकलिस अंधरा के आटो।।
एखर ले सुघर कोई तरकीब हे..........
राजा कोनो भारत में नि करें राज,
                         देश सोये हे आपस में बांटो।
देश के गरीबी हटईया करले लाज,
                          अब खाई अच्छाई में पाटो।।

     ©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
              "छत्तीसगढ़िया राजा"
                मुंगेली-छत्तीसगढ़
                ८१२००३२८३४

Sunday, September 2, 2018

जन्माष्टमी विशेष

अब तो आजा ओ कान्हा,दरस बर नैना तरसत हे।
काला अऊ कईसे कान्हा, बतावंव  मन तड़पत हे।
तोर हांसी ठिठोली कान्हा,देखेबर त जी मचलत हे।
मोरो अंगना कभू रे कान्हा,लगे के लल्ला चहलत हे।
देख तोर बहिनी ल कान्हा,रोज चीर अब सरकत हे।
ऐ दुस्सासन मन के कान्हा,रोज बूता बल बड़हत हे।।

गर अब भी तें नि आबे प्रभु, द्रोपदी नि जनमे कोनो मैया।
तोर खाए बर बने गुरतुर कभु, नि रहि दही कोनो जमैया।
तोला गोपीयन ले फुरसत नि हे,भेज दे न ओ दाऊ भैया।
तिंहीं बता तोर बिन अब तो, कईसे मनाईन आठे कन्हैया।।
इँहा रोज जनमत हे दुर्योधन, मैं हंव तोर बर जन्म देवैया।
पाण्डुक, शिशुपाल के सत्ता हे, के हें कोनो  ईंखर  नथैया।
अब तो द्रोपदी के लाज बचाव,बन  हमर कदम के छंईया।
जेन चाहे फेर आये माधव,ऊंहला बधाई हो आठे कन्हैया।।

                ✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍
                      भागवत कथा वाचक
                       मुंगेली - छत्तीसगढ़
                        ७८२८६५७०५७

Saturday, September 1, 2018

कमरछठ तिहार

खम्हार के पतरी म, पसहर के भात।
मिंझर के चुरहि, भाजी के छै जात।।
भंइस के दही संग, पाबोन परसाद।
दाई पोता मार के, दिही आसिरबाद।।
महतारी मन लइका खातिर, करे हे उपास।
जुग जुग जिए मोर लइका, अइसे हे बिस्वास।।
महतारी मन के सदा, सजे रहय सिंगार।
जम्मो झन बर सुग्घर हो, कमरछठ के तिहार।।

         ©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
                    मुंगेली - छत्तीसगढ़
                      ७८२८६५७०५७

न्यू २

प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय,   ...