बिन दरस पिया ऐ बम भोला
कईसे मै रिझावँव तोला।
अब होथे खुद के व्रत म मोला
भरोसा असमंजस मोला।।
पूरा जीनगी तो मोर करूच हे,
कईसे खांव ऊपर ले करेला।
रंगरंग के फरहार कईसे खाँहू ,
पिया सीमा मा जरे हे शोला।।
मैं महारानी घर मा बईठे हाँव,
अकेला भेज सीमा मा ओला।
काश अगर व्रत ले खुश हस,
वचन संग के निभान दे मोला।।
सीमा मा ओखर संग बलिदानी,
होवन देना प्रभु अब तो मोला।
बड़ तकलीफ़ मिलथे सत्ता ले,
बंधन में बांध दिए हे तो ओला।।
हथियार धरे हांथ फेर बंधे हे,
जंजीर खोलन देना अब मोला।
काली कहूं कोनो हमला होगे,
शहीदी के तो मिलही नतीजा।
अईसन कखरो संग झैन होवय,
का फेर रहीन उपवास तीजा।।
गर करना दुनिया में अमन-चैन,
झन खवा तैं करेला के बीजा।
हमरो चण्डी ताकत ल मौका दे,
बदल रखबो जंग ए नतीजा।।
भरोसा सरकार पल भर तोड़थे,
आस के कईसे लगावंव बगीचा।
बिन दरस पिया ऐ बम भोला,
कईसे मनावंव मैं हर तो तीजा।।
अब सजना मोर सीमा में अड़े हे,
कईसे सिंगारँव तन के बगीचा।
आवय लहूट के पिया मोरो अब,
ओखरे बर रहिथंव उपास जीजा।।
©✍पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी✍®
मुंगेली - छत्तीसगढ़
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