Friday, April 24, 2020

गहरा_ज्ञान


*⚜गहरा_ज्ञान✍️*

*एक नदी 🌊में बाढ़ आती है, छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा एक चूहा🐀 कछुवे🐢 से कहता है मित्र*
*" क्या तुम मुझे नदी पार करा सकते हो मेरे बिल में पानी भर गया है ??*
*कछुवा🐢 राजी हो जाता है तथा चूहे 🐀को अपनी पीठ पर बैठा लेता है✍️*
*तभी एक बिच्छु🦂भी बिल से बाहर आता है।*
*कहता है मुझे भी पार जाना है  मुझे भी ले चलो,*

*चूहा🐀 बोला मत बिठाओ ये जहरीला है ये मुझे काट लेगा।*
*तभी समय की नजाकत को भांपकर बिच्छू🦂 बड़ी विनम्रता से कसम खाकर प्रेम प्रदर्शित करते हुए कहता है : भाई कसम से नही काटूंगा बस मुझे भी ले चलो।"*

*कछुआ🐢 चूहे🐀 और बिच्छू🦂 को ले तैरने लगता है।*
*तभी बीच रास्ते मे बिच्छु🦂 चूहे🐀 को काट लेता है।*
*चूहा🐀 चिल्लाकर कछुए🐢 से बोलता है "मित्र इसने मुझे काट लिया अब मैं नही बचूंगा।"*

*थोड़ी देर बाद उस बिच्छू🦂 ने कछुवे🐢 को भी डंक मार दिया। कछुवा🐢 मजबूर था जब तक किनारे पहुंचा चूहा🐀 मर चुका था।।*

*कछुआ🐢 बोला "मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया"*
*मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया ?*
*बिच्छु🦂 उसकी पीठ से उतरकर जाते जाते बोला "मूर्ख तुम जानते नही मेरा तो धर्म ही है डंक मारना चाहे कोई भी हो।"*
*गलती तुम्हारी है जो तुमने मुझ पर विश्वास किया।।*
*ठीक इसी तरह*
*कोरोना की इस बाढ़ में सरकार ने भी नदी पार करवाने के लिए कुछ बिच्छुओं🦂🦂🦂 को पीठ पर बिठा लिया है।*
*वे लगातार डंक मार रहे है और सरकार इन्सानियत की खातिर मजबूर हैं ।।*
*फलस्वरूप*
*हर रोज बेचारे निर्दोष डॉक्टर,पुलिस,और स्वास्थ्यकर्मी पिट ओर मर रहे हैं✍️🎪*

                   आपका अपना
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

Thursday, April 23, 2020

व्यवहार



      👉 *व्यवहार* 👈

*एक सभा में गुरु 👳 जी ने प्रवचन के दौरान 🤔 एक ३०  वर्षीय युवक 🙍🏻‍♂️को खडा कर पूछा कि  👉 आप मुम्बई मेँ जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लडकी 🚶🏻‍♀️आ रही है तो आप क्या करोगे ?* 😞

*युवक 🙍🏻‍♂️ ने कहा - उस पर नजर जायेगी, उसे देखने लगेंगे।* 😋

*गुरु जी 👳ने पूछा - वह लडकी आगे बढ गयी 🏃‍♀️तो क्या पीछे मुडकर भी देखोगे ?*

*लडके 🙍🏻‍♂️ने कहा - हाँ, अगर धर्म पत्नी साथ नहीं है तो। 👫 (सभा में सभी हँस पडे)* 😀

*गुरु जी 👳 ने फिर पूछा - जरा यह बताओ वह सुन्दर चेहरा 👩‍⚕️आपको कब तक याद रहेगा ?*

*युवक ने कहा ५-१० मिनट तक, जब तक कोई दूसरा सुन्दर चेहरा सामने न आ जाए।* 😳

*गुरु जी 👳 ने उस युवक से कहा - अब जरा सोचिए❗️*

*आप जयपुर से मुम्बई जा रहे हैं और मैंने आपको एक पुस्तकों 📚 का पैकेट देते हुए कहा कि मुम्बई में अमुक महानुभाव 👨🏻‍⚕️ के यहाँ यह पैकेट पहुँचा देना।*

*आप पैकेट देने मुम्बई में उनके घर गए❗️*

*उनका घर देखा 🏠 तो आपको पता चला कि यह तो बडे 🎅 अरबपति हैं।*

*घर के बाहर ८-१० गाडियाँ 🚘🚖🚔.... और ५-६ चौकीदार 👤👤👤... खडे हैं। आपने पैकेट की सूचना अन्दर भिजवाई तो वह महानुभाव स्वयं बाहर आए❗️ आप से पैकेट लिया,  आप जाने लगे तो आपको आग्रह 👏करके घर में ले गए। पास में बैठकर गरम खाना खिलाया। जाते समय आप से पूछा 🗣 किसमें आए हो ? आपने कहा- लोकल ट्रेन में। उन्होंने ड्राइवर को बोलकर आपको गंतव्य तक पहुँचाने के लिए कहा और आप जैसे ही अपने स्थान पर पहुँचने वाले थे कि, उस अरबपति महानुभाव का फोन आया - "भैया, आप आराम से पहुँच गए।"* 🌺🙏👋

*अब आप बताइए कि आपको वह महानुभाव कब तक याद रहेंगे ?*

*युवक ने कहा - गुरु जी ! जिंदगी में मरते दम तक उस व्यक्ति को हम भूल नहीं सकते।  😢*

*गुरु जी ने युवक के माध्यम से सभा को संबोधित करते हुए कहा*👉

*"यह है जीवन की हकीकत।"*👏

 *"सुन्दर चेहरा 👩‍⚕️ थोड़े समय ही याद रहता है❗️ परंतु हमारा सुन्दर व्यवहार 👏👏 जीवन भर याद रहता है।"*

*अतः  जीवन पर्यन्त अपने व्यवहार को सुन्दर बनाते रहिए ❗️ फिर देखिए आपने जीवन का रंग‼️*

🚩सनातन संस्कृति का यह आधार है 👉 अतिथि देवों भव:। 👏 

*जो मानवीयता का आधार है।मानवीय व्यवहार ही चिर स्मरणीय रहता है। आगामी जन्म मानव जन्म के हेतु का भी संकेत देता है। मानव कृति श्रेष्ठ है। सनातनी मानव परम श्रेष्ठ है। जहां कर्म पुनर्जन्म श्रेष्ठ कुल बंश परिवार का हेतु बनता है। प्रकृति भी सनातनी मानव को प्रेम से आहल्लादित रखती है।* 💐👏🚩

*जय हिंदू 🚩 जय भारत*
🚩🚩 🏹⚔️🔱 🚩🚩

*सभी भगवत्प्रेमियों को आज दिवस की शुभ मंगल कामना 🙏🏻⛳वंदेमातरम_🙏🏻😊⛳*

                   आपका अपना
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

निखार

निखार 
******
तुझसे मेरी खुशियो मे रहता निखार है 
यही तो तेरा  प्यार है ।

बेकरारी आँखों मे लिये दिल को रहता 
बस तेरा इंतज़ार है।

करार  पाने  को दिल  ने हमको  किया 
बहुत बेज़ार है।

तुझसे दिल  को है  बेपनाह प्यार  तभी 
तो रहता तकरार है।

न   कोई   मायूसी   न  उलझने  रखिये 
कोशिशें जाती नही कभी बेकार है।

अक्ल और हिम्मत से पाते है हर मंजिल 
ए  चाहत  और  दिल  ए  सुकूँ  जो होते 
दिलेर और समझदार है।

मोहबब्त में फसाद और जंग कभी होते 
नही  जो   सनम  को  मान  लेते अपना 
खुदा और सरकार है।
**************
                   
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

धार नहीं संगम हो जाते

धार    नहीं    संगम  हो  जाते 
चोट   नहीं   मरहम  हो  जाते 

बन सकती थी अपनी कहानी 
तुम  जो मेरे हमदम  हो  जाते 

 जान   खुशी   से  दे  देता  मैं 
तुम जो  गर  जानम  हो जाते 

हाँथ   पकड़    लेते  जो  मेरा
तो   काँटे  कुछ  कम हो जाते 

तेरे    एक   तबस्सुम   से   ही 
चूर   मेरे   सब  गम  हो  जाते

तुम   हमको  अपना   लेते तो
दूर    दुखों  से  हम  हो  जाते

                   
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

इनायत है आपने हमें दिल में जगह दी है!


इनायत है आपने हमें दिल में जगह दी है!
जिंदगी को नई सूरत जीने का वजह दी है।

गुजरने दे लम्हें दीया चाह का जलाये फिर!
उल्फत से वास्ता जोड़े वफ़ा ने गिरह दी है।

शबोरात यूँ ढलती जाये रहे न फासला कोई!
मुहब्बत का चाहत फिर नई सी सुबह दी है।

धड़कता था  अक्सर  दिल गम ए जुदाई में!
मिलते ही मिला जीवन खुशी इस तरह दी है।

सजायें आ आशियां हम मन मनसे मिलाये यूँ!
दर्मियां हों एकदूजे के सदा रब ने पनाह दी है।

इनायत है आपने हमें दिल में जगह दी है!
जिंदगी को नई सूरत जीने का वजह दी है।

                   
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

तेरी सूरत पे जब जब हमनें ,,,,,,,,,,,,,,,,!

तेरी सूरत पे जब जब हमनें ,,,,,,,,,,,,,,,,!

तेरी सूरत पे जब जब हमनें मन अपना हारा |
तब तब आगे बढ़ के दिया  तुमनें हमें सहारा |
तेरी सूरत पे जब जब हमनें ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!

जब तेरा  सम्बल  पाया दूर गया दोष विकार |
अंतस से  निकाला  उजियारा  हटा अंधियार |
याद नहीं तेरी छटा  को हमने कब था निहारा |
तेरी सूरत पे जब जब हमनें ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!

दृष्टि समाई  है अगम अगोचर छटा में अपार |
निराशा ढली  जब चेतन  में  आया उजियार |
तू तब आया जब  जब हमने तुझको पुकारा |
तेरी सूरत पे जब जब हमने ,,,,,,,,,,,,,,.,

ये सांवली छटा दुनिया में सबसे मस्तानी है |
इसीलिए तो सारी दुनिया तेरी ही दिवानी है |
मेरे पथ जब जब आए कांटे तू ने उसे टारा |
तेरी सूरत पे जब जब हमने ,,,,,,,,,,,,,,,!

तेरे मेरे मध्य  नाम का  अंतर नही रह गया |
इसीलिए दुनिया में मेरा हर काम सध गया |
तेरी है सारी दुनिया  कैसे  कहूं तू है हमारा |
तेरी सूरत पे जब जब हमनें ,,,,,,,,,,,,,,!

                   
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

जातिवाद का विष


*⚜जातिवाद का विष*⚜

*⛳👇🏻जब कोई आपकी जाति पूछे और आपको बताने में हीनभावना हो तो,ऐसे किसी आदमी को तर्कयुक्त यह जवाब देना की मै तो मनुष्य जाति का हूं.. ✋🏻😊आप किस जाति के हो ? इतना सुनते ही उसे मिर्ची लग जायेगी,,, और जातिवाद पर करारा जवाब भी होगा ।*😊✔

*आईये जाति का मतलब समझे*⁉✋🏻👇🏻👇🏻

*जाति व्यक्ति की पहचान नहीं उसका उपनाम है,,, जो हमारे ऋषि मुनियों द्वारा लगाया गया,,, जो आज सरनेम बन गया जिसको हम जातिवाद कहते है*👌🏻✔

*उदाहरण के तौर पर ऋषि गौतम, ऋषि भारद्वाज, ऋषि कश्यप, ऋषि अत्रि तथा जिन्होंने ने वेदों का पाठ किया वो द्विवेदी, त्रिवेदी, चतुर्वेदी हो गए,,,, इसमें जातिवाद कहा से आया यह तो कार्य शैली है।*😳👌🏻✔

*धर्म प्रचार व रक्षा करने का कार्य करने वाले दसनामी या गोस्वामी, चमड़े का कार्य करने वाले चमार, मैला ढोने वाले धानुक, मंडल,तैल संबंधित तैलिक, दूध का व्यापार करने वाले यदुवंशी, कपड़े धोने वाले धोबी, समाज की रक्षा करने वाले क्षत्रीय और व्यापार करने वाले वैश्य लेकिन यह सब तो कार्य शैली थी जाति नहीं।*😳✔👌🏻

*जाति कहते है पहचान को,,, ✋🏻जिसे पहचानने में किसी से पूछना न पड़े । इसे समझने के लिए ऐसे समझे यह दो प्रकार की होती है.. एक ईश्वरकृत दूसरी मनुष्यकृत ।*

*1.ईश्वरकृत जाति:- जैसे मनुष्यों की जाति जिसे हम दो हाथ दो पैर जो पुरूष और स्त्री के होते है उनको मनुष्य जाति कहते है,, क्या इनको पहचानने मे कोई समस्या है ?? नहीं ✋🏻✋🏻 क्योंकि यह ईश्वरकृत है,, और ईश्वर के काम अधूरे नही होते,, ऐसे ही पशु पक्षी, कीट-पतंगो की जातियां तो इनको भी हम पहचानते है हमे किसी से पूछना नही पडता की कौन मनुष्य है,,, कौन जानवर और कौन पक्षी है ।यह तो है ईश्वरकृत जातिया ।*

*2.मनुष्यकृत जाति:- यह जातियां समाज द्वारा हमे पहचान के रूप में समाजिक व्यवस्था अनुसार बनाई गई है, चाहे बुरी हो या अच्छी,,, तो झगडा ईश्वरकृत जातियों का नही है,, ✋🏻झगडा मनुष्यकृत जातियों का है क्योंकि इन मे खोट है, कमी है क्योंकि मनुष्य ईश्वर नही होते तो इनके काम भी कमियों वाले होते है,, यह अलग बात है की समाजिक बुराईयों के कारण जातियों को उंचा नीचा बनाया या समझा गया।*😊⛳

*👇🏻लेकिन हम सभी एक मनुष्य जाति के हैं ईश्वरकृत जाति के है यह बात है, मुख्य है और समझने लायक है तो आज से अपना मानवीय धर्म को समझे और जो मूर्ख जातिवाद को बढ़ावा देते हैं जाति पर कटाक्ष करते हैं, जाति पर उत्पीड़न शोषण करते है, उसे जाति का मतलब समझाये ।*🙏🏻⛳

*जागरुकता बहुत आवश्यक है जिससे समाज में फैले भ्रम को मिटाया जा सके और सनातनी पुनः एक होकर अपने धर्म और राष्ट्र की रक्षा कर सकें ।*🤝🏻😊

*सभी भगवत्प्रेमियों को आज दिवस की शुभ मंगल कामना 🙏🏻⛳वंदेमातरम_🙏🏻😊⛳*

                   आपका अपना
             "पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
            धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
             डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
       8120032834/7828657057

न्यू २

प्रति मां. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी रायपुर , छत्तीसगढ़ शासन विषय : आर्थिक सहायता,आवास, तथा आवासीय पट्टा दिलाने बाबत् आदरणीय महोदय,   ...