*⚜गहरा_ज्ञान✍️*
*एक नदी 🌊में बाढ़ आती है, छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा एक चूहा🐀 कछुवे🐢 से कहता है मित्र*
*" क्या तुम मुझे नदी पार करा सकते हो मेरे बिल में पानी भर गया है ??*
*कछुवा🐢 राजी हो जाता है तथा चूहे 🐀को अपनी पीठ पर बैठा लेता है✍️*
*तभी एक बिच्छु🦂भी बिल से बाहर आता है।*
*कहता है मुझे भी पार जाना है मुझे भी ले चलो,*
*चूहा🐀 बोला मत बिठाओ ये जहरीला है ये मुझे काट लेगा।*
*तभी समय की नजाकत को भांपकर बिच्छू🦂 बड़ी विनम्रता से कसम खाकर प्रेम प्रदर्शित करते हुए कहता है : भाई कसम से नही काटूंगा बस मुझे भी ले चलो।"*
*कछुआ🐢 चूहे🐀 और बिच्छू🦂 को ले तैरने लगता है।*
*तभी बीच रास्ते मे बिच्छु🦂 चूहे🐀 को काट लेता है।*
*चूहा🐀 चिल्लाकर कछुए🐢 से बोलता है "मित्र इसने मुझे काट लिया अब मैं नही बचूंगा।"*
*थोड़ी देर बाद उस बिच्छू🦂 ने कछुवे🐢 को भी डंक मार दिया। कछुवा🐢 मजबूर था जब तक किनारे पहुंचा चूहा🐀 मर चुका था।।*
*कछुआ🐢 बोला "मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया"*
*मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया ?*
*बिच्छु🦂 उसकी पीठ से उतरकर जाते जाते बोला "मूर्ख तुम जानते नही मेरा तो धर्म ही है डंक मारना चाहे कोई भी हो।"*
*गलती तुम्हारी है जो तुमने मुझ पर विश्वास किया।।*
*ठीक इसी तरह*
*कोरोना की इस बाढ़ में सरकार ने भी नदी पार करवाने के लिए कुछ बिच्छुओं🦂🦂🦂 को पीठ पर बिठा लिया है।*
*वे लगातार डंक मार रहे है और सरकार इन्सानियत की खातिर मजबूर हैं ।।*
*फलस्वरूप*
*हर रोज बेचारे निर्दोष डॉक्टर,पुलिस,और स्वास्थ्यकर्मी पिट ओर मर रहे हैं✍️🎪*
आपका अपना
"पं.खेमेश्वर पुरी गोस्वामी"
धार्मिक प्रवक्ता-ओज कवि
डिंडोरी-मुंगेली-छत्तीसगढ़
8120032834/7828657057