Friday, July 27, 2018

अब एक नवा इतिहास लिखव

मया पिरा में सोवइया हो,अभी बेरा हे जाग जावव..
एखर ले पहिली के तुंहर ए नींद, राज ल ले डुवय...
जाति-पाती मा  देश ला , बांटके बन्टाधार करइया...
अपन हित चाहत  हव, ते  अब तो एक हो जावव…
भाखा के नाम मा लड़इया होवा…….
हिंदी ला  जग के सिरमौर बनावव………….
राष्ट्र हित मा कुछु तो तियागे करव तुमन
एखर ले पहिले के देश फेर ले गुलाम बन जावय…….
आधुनिकता केवल पहिनावा ले नि होय संगी....
बात ला अभी भी धर लव तुमन………….
फिर कभू कोनों लंग कोनो भूखे झन सोए...
कोनो इसन क्रांति ले आवव तुमन………….
भारत मा हर कोनो शिक्षित होवय…….
देश ला अइसन पढ़ावव तुमन…………

अभीन ले बेरा हे तुमन जागव,
अब एक नवा इतिहास लिखव।।

     ✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी✍
               मुंगेली छत्तीसगढ़
               ७८२८६५७०५७
               ८१२००३२८३४
khemeshwarpurigoswami@gmail.com

Thursday, July 26, 2018

तुम चले जाते हो

यहां पल-पल जीना मुश्किल है
तुम आराम ए शोहरत फरमाते हो।
हम पलकों पर बिठाने चाहें तो
पास आ, दूर क्यों तुम चले जाते हो।।

सैन्य शक्ति को नमन

रोमन मिश्र युनान, जम्मो मिट गए दुनिया ले,
बांचे हे तभो ले अभीन ले, नाम निशान हमार।
जब तक हे सैनिक हस्ती मिटय नहीं जी हमार,
जमाना ले रहे हे दुश्मन,जबकि पुरा दुनिया हमार।

---:--- पं. खेमेस्वर पुरी गोस्वामी
                   मुंगेली छत्तीसगढ़          
         ७८२८६५७०५७/८१२००३२८३४

Wednesday, July 25, 2018

एक सैनिक की सपना

हम हन भारत के सच्चा बेटा
बल में नि हन कखरो ले कम,
मुड़ी उठा के जीथन जग मा
बुता अबड़ तो करथन हम।।

जम्मो झैन के आंखी के तारा
सुघर सपना तो गढ़थन हमन,
हमन तो हरन आशा भविष के
मुस्काई चेहरा ला देथन हमन।।

हमरे ले हे सुघर देश हमार
आऊ देश ले हम सब हन,
देश के नाम उंचा रहियय
अइसन करथन करतब हम।

हर कोनो के घर दिया जले
हर अंगना सुख के फुल खिलय।
चाह एके अब दुनियाभर मा
हिंदूस्तां ला बड़ सम्मान मिलय।।

🇮🇳🇮🇳 वंदे मातरम् 🇮🇳🇮🇳
🇮🇳🇮🇳 जय मां भारती 🇮🇳🇮🇳

✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍
          मुंगेली छत्तीसगढ़
          8120032834

💐🇮🇳 कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि 🇮🇳💐


हमला सुन देश के ऊपर,
शस्त्र उठा चले गये जो
न मौत का था गम जिनको,
लहू धरती को दे गये जो,

था कफन सिर में छाया हुआ,
दिल में राष्ट्रप्रेम भर लिए जो,
शत्रुओं को अपनी हुंकार  से,
राख में ध्वस्त कर गये जो,

लौटे थे गाथा वीरता का लेकर,
कुछ जान देश पर दे गये जो,
भयभीत न होवे देश के लोग,
छाप सरहद को दे गये जो,

कैसे कर्ज चुकाएं उनका अब,
सदा सुरक्षा हमें दे गये जो,
मैं नित नित  शिश झुकाऊं
कारगिल में विजय दे गये जो।।

🇮🇳 वंदे मातरम् 🇮🇳
🇮🇳 जय मां भारती 🇮🇳

✍ पं. खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍
          मुंगेली छत्तीसगढ़
          7828657057

तहूं मया कर ले

हवय मउसम पियार के थोरकिन पियार कर ले,
करथस ईशिक तैं कहुं त  बाँह म मोला भर ले ,
चल मोर सन आज सपनाके दुनिया गिंजर ले ,
रोज मही मया कर थंव, आज तहूं मया कर ले।।

✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍
         मुंगेली छत्तीसगढ़
         ७८२८६५७०५७

Tuesday, July 24, 2018

बलात्कार पर खेमेस्वर वार

एक बलात्कार होने पर पुरे देश में कम से कम २० से २५ लाख लोग आरोपी की गिरफ्तारी के लिए सड़क पर उतर जाते हैं, धरना प्रदर्शन किया करते हैं आंदोलन किया करते हैं, कैंडल मार्च निकाला जाता है, सीबीआई जांच की मांग की जाती है, स्थानीय पुलिस, अधिकारी, नेताओं की इस्तीफा मांगा जाता है, सड़क जाम करने पर कई मरीजों को डाइवर्ट रास्ते से अस्पताल जाना पड़ सकता है भगवान न करे लेकिन कई मरीजों की जान भी चली जाती है,कई व्यवसासियों को बंद के कारण भारी नुक्सान भी हो सकता है, कई गरीब जो रोज कुंआ खोदकर पानी पीते हैं मतलब रोज कमाने पर ही खा पाते हैं, भुखे रह जाते हैं, सभी लोगों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव भले न पड़े लेकिन कईयों को भारी नुक्सान भी हो सकता है, सरकार के भी नुकसान होती है, भीड़ को संभालने के लिए पुलिस,आर्मी, सीआरपीएफ के जवानों को उन लोगों पर डंडे भी बरसाने पड़ते हैं जिनके सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद उनकी ही है, आंदोलन उग्र होने पर सरकारी संपत्ति को बड़ी नुकसानी होती है, और कई आंदोलनकारियों के जान और स्वास्थ्य को भी खतरा रहता है,एक बहन बेटी को न्याय दिलाने के चक्कर में इतना भारी नुक्सान हो जाता है।









मेरे कहने का मतलब यह है कि इतनी बड़ी संख्या में एकत्र हो कर आंदोलन करने के बजाय १० प्रतिशत मतलब २-३ लाख की संख्या में एकत्र हो कर आराम से आरोपी तक पहुंच कर सभी केवल एक एक हाथ लगाएं तो बहन को न्याय भी मिल जाएगा और एक राक्षस की हत्या पर आखिर कितने लोगों पर और कहां कहां ३०२ लगाया जाएगा,क्योंकि देश के कोने-कोने से लोग आयेंगे, अपने बहन बेटी को न्याय देने। हर चीज के लिए कानून पर उम्मीद नहीं करनी चाहिए, कभी कभी लोकतांत्रिक देश होने के नाते लोकतंत्र के उचित सदुपयोग भी करने चाहिए।
एक बात और,हर चीज पर ऊपर वाले पर भरोसा नहीं करना चाहिए, कभी कभी उनके यहां भी अंधेरे हो जाती है जब हम देर कर देते हैं।

संविधान के भरोसे न रहे,भारत में संविधान से ऊपर है लोकतंत्र, इसलिए ही तो लोकतंत्र के चुने नेताओं के बहुमत से संविधान के अनुच्छेद में भी संसोधन हो पाता है।

संविधान की समीक्षा करने व समाज कल्याण के बारे में सोचने बोलने का अधिकार है उसी का सदुपयोग किया हूं, ज्यादा बुरा लगे तो भुल जाइएगा और अच्छी लगे तो जरूर अपनाइएगा शायद एक ही ऐसे घटना के बाद से बलात्कार की जो सोंच पनपती है बलात्कारी ही नहीं बल्कि ऐसी घटिया सोच ही थर्राने लगे और फिर भारत में नारी शक्ति सुरक्षित रहें, इसके लिए अधिक भुमिका भी नारी शक्ति को ही निभाने होंगे क्योंकि पुरूषों पर तो केस दर्ज किया जा सकता है लेकिन कितने नारी शक्ति पर मुकदमा दायर कर सकेगी प्रसाशन, जिन पुलिसकर्मियों को अधिकारियों को यह पोस्ट बुरा लगे याद रखें आपको जन्म देने वाली भी एक नारी है, कृपया नारी का सम्मान करे व अधिक से अधिक शेयर करें और लोगों में न्याय नहीं मिलने पर छिनने का भावना को उत्प्रेरित करें।
जय माता दी
जय नारी शक्ति
जय श्री राम
जय श्री कृष्ण
जय महाकाल
हर हर महादेव 🌻

समीक्षा/आलोचना/मार्गदर्शन सादर आमंत्रित हैं

दसनाम गोस्वामी समाज सेवक
✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍
युवा साहित्यकार-धार्मिक प्रवक्ता
        मुंगेली छत्तीसगढ़
         ७८२८६५७०५७

आनंद भई गोपकुमारी (भजन)

ब्रजराज  तेरे  काज  गई  लाज  हमारी
बंसीकी सुनी आज जो अवाज पियारी।।टेक।।

संगमें है   ग्वालबाल   नंदलाल सांवरो
जमुना के आस पास रची रास बिहारी।।१।।

सिर मोरमुकुटधार   गले हार पहनके
करते  हैं  नाच  रंग  सखा संग  मुरारी ।।२।।

दे देके  मधुर  तान  करे  गान मनोहर
सुनकेचली ब्रजनार सदन कार बिसारी।।३।।

हरिका मुखारविंद देख चन्दनकी छबी
खेमेस्वर मन  आनंद  भई  गोपकुमारी।।४।।

✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍
युवा साहित्यकार - बाल प्रवक्ता
मानस-श्रीमदभागवत-शिवकथा
मुंगेली छत्तीसगढ़-७८२८६५७०५७

Saturday, July 21, 2018

चुनाव अस्पेसल

कका वोट डार के बाहर आइस अऊ चुनई अजेंट ले पूछिस - तोर काकी वोट डाल के चल दिस का ?
   अजेंट हर सूची चेक करके किहिस - हव कका वो तो वोट डाल के चल दिस !!
  कका भरे गला ले बोलिस- जल्दी आ रतेंव त शायद मिल लेहे रतेंव,
  अजेंट  - कइसे कका संगे में नि राहव का ?
कका - बेटा ओला मरे १५ साल हो गे हे,हर पइत वोट डाले आथे, फेर मिलय नहीं पर😜😛😛😜

✍ खेमेस्वर छत्तीसगढ़िया ✍

एक पैगाम दोस्ती के नाम

चेहरा मोर हे फेर नजर ओखर
सुन्ना मन में भी गोठ हे ओखर

मोर चेहरा म कविता लिखथे
गीत गावत आंखी हर ओखर

सच्चा दोस्ती के पता देहे लगिस
अउंहा झऊंहा सांस लेत ओखर

अइसन बेरा घलो मैं गुंजारेंव आज
बिहना जब मोर रिहे संझा ओखर

नींद इही सोच के टूटथे अक्सर
कइसे कटत होही रातिहा ओखर

दूरिहा रहिके घलो हरदम रहिथे
मोला थाम्हे जइसे बांह ह ओखर........

मोर जीनगी के अनमोल रतन
सुघर संगवारी जी हरे तो ओहर........

✒ ✍ *पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी* ✍ ✒
मुंगेली-छत्तीसगढ़ - 7828657057

Wednesday, July 18, 2018

जननी हरव मैं एक देह के

जननी हरंव मै एक देह के ;
काबर नारी केअपमान करथव तुम…!
जेस देह ला हमन जन्मदेयेन; काबर नारी ल ही "छलथव"तुम…!
जेन अंग ले तैं हर जन्म लेहेस; काबर ओला दूषित करथव तुम…!
जेन वक्षके दूध रग रग में हे; कइसे ओमा आघात करथव तुम…!
का नारी केवल  एक देह"हे; काबर ऐखर "मान-मर्दन"करथव तुम…!
जेन मां ह तुंहला जनम दिहिस; काबर कोख के अपमान करथव तुम…!
अनुपम अतुल्य अद्भुत नारी ला; काबर दनुज-तमस रूप देखाथव तुम…!
चिर-वसन" मा लिपटे नारी; कइसे तुंहला जननी देवी नई लागय…!
मत करव मान-मर्दन नारी के! वो तुंहर जननी हे…लाज तुंहला नई लागय…!
✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍
मुंगेली छत्तीसगढ़-8120032834

किसान की बात कलम के शब्द

अपनी फसल बेचने को हम दर दर भटकें,आप पाकिस्तान से चीनी लाइए
कर्जे से फाँसी लगाकर हम मरें,आप सौ करोङ मे विधायक खरीदने जाइए
सुखे से परेशान सिंचाई का नही समाधान,
ट्रेक्टर पंपिंगसेट को भी तरसे हम,आप तेल का दाम बढाते जाइए
चार साल हो गए विकास का गाना अब मत गाइए
मोहताज नज़र है हाल मेरा,
सरकार तवज्जोह फरमाइए!
✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍
मुंगेली छत्तीसगढ़-7828657057

तुम थी कोई और न था

जब मैं एक अरसे बाद मुस्कुराया था ,
जब मैं एक खामोशी के बाद खिलखिलाया था ,
तो वो तुम थी कोई और न था !
तो वो सिर्फ तुम थी कोई और न था !!
कि जब मैं रोया था बहुत ,
फ़िर चैन से सोया था बहुत ,
वहाँ तुम थी कोई और न था !
जब जहाँ बिखरता था मैं सँवार लेती थी तुम,
इस तरह खुद को निखार लेती थी तुम ,
मेरे उलझे सफ़र में हमसफ़र की तरह,
सीधी पगडंडी , सादा डगर की तरह ,
तुम थी कोई और न था !!
वो जो हँसी में झूमा करता था ,
बेफिक्री में घूमा करता था ,
तब साथ तुम थी कोई और न था !!
लेकिन कल रात ,
तुम्हारे बाद…तुम्हारी याद में,
खोया था ज़िंदगी में बहुत,
रखकर कंधे पे सिर मैं  रोया था बहुत ,
वहाँ कोई और था तुम न थी !
वहाँ कोई और था !! तुम न थी !!
कितना अजीब सा न …
कि पहले तुम थी कोई और न था !!

✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍

मुंगेली-छत्तीसगढ़ 8120032834

Tuesday, July 17, 2018

शादी में क्यों आ रही दिक्कत

*शादी में क्यों आ रही दिक्कत* (एक चिंतन)........ जरूर पढ़े"

किसी को पढ़ कर बुरालगे  तो लगे ।पर बात खरी है। जरूर पढ़ना और मनन करना जिनको डिग्री पत्रिका पैकेज का बुखार है। 👏👏

सभी समाज भाइयोँ  और बहनों को
यथोचित नमन,🙏🏻
एक समय था रिश्तों के लिये विज्ञापन की आवश्यकता नहीं पङती थी ।
अशिक्षित की शादी मे भी कहीँ कोई दिक्कत नहीं आती थी।
और आज दरअसल हम शिक्षा के नाम पर भटक रहे है।
कुछ स्वावलंबी बनने की सोच।
और कुछ वो डर कि शादी के बाद पता नहीं क्या होगा ?
इसलिये पाँव पर खङा होना जरूरी है।
और ये सोच घर भी खराब कर रही है ।
पहले की अपेक्षा रिश्ते टुटने मे काफी वृद्धि हुई है।
वो स़ोच रिश्तोँ की मधुरता मे घमंड भी ला रही है।
बराबरी का भाव।
कि मै तुमसे कमजोर नहीं तो क्यों दबूँ ?
घर छोटी मोटी गलतियों को बिसराते हुए समझौऐ से चलता है ।
झुठी अकङ से नहीं।
पहले कभी ऐसी दिक्कत नही आती थी।
निरक्षर कन्या की भी शादी जब चाहो तुरंत हो जाती थी।
*अब बङी बङी डिग्री धारक को भी बायोडाटा सहित विज्ञापन देना पङ रहा है।*
रिश्तों की जगह सौदेबाजी ने ले ली है।
पढे को पढा ही चाहिये ।
भले ही कम कमाये ।
थोङा कम पढा है तो किस काम का ?
सोचता हूँ शिक्षित हम है या पुर्वज थे ?
हर आदमी उससे अच्छा उससे अच्छा के चक्कर मे उम्र बढा रहा है ।
और अंत मे लिखता है कोई भी जाति के स्वीकार्य।
*बच्चों को माँ बाप पर भरोसा नही।*
स्वयं जब तक देख सुन न ले हाँ नही करते।
जबकि जीवन का अनुभव जीरो है।
एक तकिया कलाम चला है कि जिन्दगी हमे निभानी है।
बाप दादाओं की जिन्दगी कौन निभाता था ?
उपर से ये *कुँडली मिलान वाला रोग।*
पहले बहुत कम ही कुँडली बनवाते थे।
बनवाते भी थे तो मिलाते कम ही थे।
और जीवन शानदार जीते थे।
और अब सम्बन्ध विच्छेद की तलवार लटकी ही रहती है।

पढे लिखे बच्चे है, कानून के जानकार।
*तलाकनामा तो एनी टाइम जेब मे ही रहता है।*
रोज नये बायोडाटा ग्रुप बन रहे है।
विज्ञापन रुपी तस्वीरे भी खुब आ रही है।
लेकिन फिर भी रिश्तों मे दिक्कत आ रही है।
अब तो तलाक शुदा ग्रुप भी खुलने लगे है।
खूब तमाशाबाजी चल रही है।
शादी की उम्र होती है।
शिक्षा की नहीं।
शादी के बाद भी पढा जा सकता है।
एक उम्र के बाद चेहरे की चमक उङने लगती है।
उसमे ब्यूटीशियन भी बहुत सहयोग नही कर सकते।
चाहे कितने ही महँगे प्रोडक्ट इस्तेमाल कर ले।
चेहरा धुलते ही असली आवरण सामने आ जाता है।
आजकल फलों को भी और सब्जी को भी कलर करके बेचा जाने लगा है।
ये कहाँ से कहाँ आ गये हम ?
ये कैसी शिक्षा है।
शिक्षा तो आ गयी।
लेकिन संस्कार और भाईचारा समाप्त हो गया।

*पहले पोता पङपोता देखना आम बात थी।*
*अब शायद कुछ लोग बच्चों की शादी भी शायद ही देख पायें।*
क्याँकि 35 या 40 साल मे शादी करने वालोँ के बच्चों की शादी भी इसी उम्र मे होगी।
और आजकल 70 या 80 साल की आयु नहीं होती।
खानपान और रहनसहन ही ऐसा है।
सब कुछ बहुत डरावना है।

ये दीवाना दीवानी लिखने से कोई दिवाना नहीं बनने वाला।
परिवार की एकता की ये हालत है कि सभी क़ो छोटा सा परिवार चाहिये।
बङा परिवार है और प्यार से रहते है तो आजकल उसे अच्छा नहीं मानते।
ये कैसी शिक्षा और संस्कार है ?

अभी भी वक्त है संभल जाओ ।
आनेवाले समय मे और भी हजारों बायोडाटा ग्रुप खुल जायेँगे ।
लाभ कुछ नहीं होनेवाला ।
सोच को सही दिशा मे ले जाओ तो शादी मे दिक्कत नही आयेगी ।
क्योंकि दिशा का उल्टा शादी ही होता है ।
शिक्षित बहुत होशियार नही होता ।
और अशिक्षित बहुत बेवकूफ नही होता ।
जीवन मे जरुरी है तो आजीविका घर मे सुख आपसी तालमेल पारिवारिक एकता।

शायद ?
किसी को मेरी बात बुरी लगी हो त़ो क्षमा।
लेकिन एक बार चिन्तन जरुर करें ।
🙏

✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍
मुंगेली-छत्तीसगढ़ ८१२००३२८३४

सद्भावना दर्पण

बलात्कारियों पर केवल बोले न
करकें दिखाएं

पहचान मुस्किल है

*मेरे लफ़्ज़ों से न कर मेरे किरदार का फैसला..*
*तेरा वजूद मिट जाएगा मेरी पहचान ढूंढते ढूंढते*
*पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी*

Saturday, July 14, 2018

हिंदी-छत्तीसगढ़ी मिक्स मस्ती टाइम

हिंदी-छत्तीसगढ़ी, मिक्स हास्य मस्ती टाइम
केवल आनंद लें,राग लय न ढूंढे।

✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी
मुंगेली छत्तीसगढ़ ८१२००३२८३४
🌷🌺💐🌺🌷🌻🌸🌺🌷💐

बरसात के दिन आए 
चिखलाघाट के दिन आए

टुरा टुरी मन मिले बर तरसतथे
इही सावन के रिमझिम झड़ी हे
कदम बइला मन के बहकने लगे हैं
इही भइसा के चिखलाये के घड़ी हे

बरसात के दिन आए. 
चिखलाघाट के दिन आए

मेंचका सोच में थे जिनके 
ओही रात के दिन आए
नरियाय के दिन आए 
फदकाय के दिन आए

जलते रहे खेत ए जेठ के गरमी से, 
बेमची बेमचा केे बरसो जुदाई
छम छम बरसती सुहानी घटा ने, 
अजब टेरटेराहट है अब लगाई

बरसात के दिन आए. 
चिखलाघाट के दिन आए

बेंदरा सोच में थे जिनके, 
सोयाबीन बोंवाय के दिन आए
इंखर खवाय के दिन आए, 
बउराय के दिन आए

ना नांगर होश में हो
ना नगरिहा होश में हैं 
अदरा सिखाय जाए ना तुम संभालो हमें
गुज़ारिश यही हैं बछरूओं की
किसान थोरकिन सुरतावन दो हमें
डोंगा बोहाय के दिन आए,मताय के दिन आए
हम सोच में थे जिनके वो बचपन के दिन आए
मस्तियाय के दिन आए चिखलाय के दिन आए

भारत को बालीवुड ने क्या दिया है।

भारत को बॉलीवुड ने क्या दिया है ?
        निवेदन एक बार जरूर पढे
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बॉलीवुड ने भारत को इतना सब कुछ दिया है, तभी तो आज देश यहाँ है ...

1. बलात्कार गैंग रेप करने के तरीके।
2. विवाह किये बिना लड़का लड़की का शारीरिक सम्बन्ध बनाना।
3. विवाह के दौरान लड़की को मंडप से भगाना
4. चोरी डकैती करने के तरीके।
5. भारतीय संस्कारो का उपहास उडाना।
6. लड़कियो को छोटे कपडे पहने की सीख देना....
जिसे फैशन का नाम देना।
7. दारू सिगरेट चरस गांजा कैसे पिया और लाया जाये।
8. गुंडागर्दी कर के हफ्ता वसूली करना।
9. भगवान का मजाक बनाना और अपमानित करना।
10. पूजा पाठ यज्ञ करना पाखण्ड है
11. भारतीयों को अंग्रेज बनाना।
12. भारतीय संस्कृति को मूर्खता पूर्ण बताना और पश्चिमी संस्कृति को श्रेष्ठ बताना।
13. माँ बाप को वृध्दाश्रम छोड़ के आना।
14. गाय पालन को मज़ाक बनाना और कुत्तों को उनसे श्रेष्ठ बताना और पालना सिखाना।
15. रोटी हरी सब्ज़ी खाना गलत बल्कि रेस्टोरेंट में पिज़्ज़ा बर्गर कोल्ड ड्रिंक और नॉन वेज खाना श्रेष्ठ है।
16. पंडितों को जोकर के रूप में दिखाना, चोटी रखना या यज्ञोपवीत पहनना मूर्खता है मगर बालो के अजीबो गरीब स्टाइल (गजनी) रखना व क्रॉस पहनना श्रेष्ठ है उससे आप सभ्य लगते है।
17. शुद्ध हिन्दी या संस्कृत बोलना हास्य वाली बात है और उर्दू या अंग्रेजी बोलना सभ्य पढ़ा-लिखा और अमीरी वाली बात...
हमारे देश की युवा पीढ़ी बॉलीवुड को और उसके अभिनेता और अभिनेत्रियों का अपना आदर्श मानती है.....
अगर यही बॉलीवुड देश की संस्कृति सभ्यता दिखाए ..
तो सत्य मानिये हमारी युवा पीढ़ी  अपने रास्ते से कभी नही भटकेगी...

केवल सलीम / जावेद की ही नहीं बल्कि कादर खान, कैफ़ी आजमी, महेश भट्ट, आदि की फिल्मो का भी यही हाल है.  फिल्म इंडस्ट्री पर दाउद जैसों का नियंत्रण रहा है. इसमें अक्सर अपराधियों का महिमामंडन किया जाता है और पंडित को धूर्त, ठाकुर को जालिम, बनिए को सूदखोर, सरदार को मूर्ख कामेडियन, आदि ही दिखाया जाता है.

✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍
मुंगेली-छत्तीसगढ़ ८१२००३२८३४

Monday, July 9, 2018

भजन-कर्म लिखा सोई होवत प्यारे

काहे शोच करे नर मन में
कर्म लिखा सोई  होवत प्यारे।।टेक।।
होनहारे मिटे नहीं कबहूं
कोटि जतन कर कर सब हारे।।१।।
हरिश्चंद्र नल राम युधिष्ठिर
राज्य  छोड़  बनवास सिधारे ।।२।।
अपनी करणी निश्चय भरणी
दुश्मन   मित्र न  कोई तुमारे ।।३।।
खेमेस्वर सुमरे जगदीश्वर
सब दु:ख संकट दूर निवारे।।४।।

✒पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी✒
धार्मिक प्रवक्ता/युवा साहित्यकार
मुंगेली छत्तीसगढ़ 7828657057

नाम तेरा सुखदाई

"नाम तेरा सुखदाई" (भजन )
रचना:-✒पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी✒
धार्मिक प्रवक्ता-मुंगेली:-छत्तीसगढ़
८१२००३२८३४-७८२८६५७०५७

प्रभुजी मेरा तुमबिन कौन सहाई।।टेक।।
मातपिता बांधव सुत नारी,
जग में सब स्वारथकी यारी।
नहि परलोक होय हित-कारी,
सबसे होय जुदाई।।१।।

माल खजाना महल चुबारे
कोई न जावे हो संगहमारे।
चल चल जानें भोगन हारे
जगमें थिर न रहाई।।२।।

लाड लडाकर पालन कीना,
अतर फूलेल सदा मलदीना।
वसतर भूषण नित्य नवीना
देह पड़ी रह जाई।।३।।

तु तो सबका है पालनहारा,
तेरी महिमा बड़ी है अपारा।
खेमेस्वर को दया दें प्यारा,
नाम तेरा सुखदाई।।४।।

आत्मविश्वास की ताकत कलम के शब्दों में

डोंगरी कस खड़े रहिस परशानी,
मैं समुंदर लहरा कस तो टकरात रहेंव।
पथरा छाती ढकेलय वापिस मोला,
हिम्मत बटोर घेरी बेरी वापस आत रहेंव।

धुर्रा धोवा गे जब सच के ऐैना ले,
मोर कोशिश के असर रंग देखत रहेंव।
टुटे लागिस पथरा घलो अब धीरे-धीरे,
निशाना साध हर बार वार बरसात रहेंव।

बिखरे लगिस जब ओ जर्रा जर्रा,
देख साहिल मैं ओ पार रद्दा बनात रहेंव।
बिसर गे पथरा मोर रुकावट के,
मैं अब धुन, उमंग के तो गीत गात रहेंव।
डोंगरी कस खड़े रहिस परशानी,
मैं समुंदर लहरा कस तो टकरात रहेंव।।

✒पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी✒
मुंगेली-छत्तीसगढ़ 8120032834

Sunday, July 8, 2018

रही रही के होत बरसात ले कवि के विनती

रही रही के होत बरसात ले ,कवि के विनती..

रचना :- पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी
"छत्तीसगढ़िया राजा"
मुंगेली छत्तीसगढ़-7828657057

तैं धन्य हस बरखा रानी, मरतपियासेल देथस पानी
जग में तें खुशहाली लाथस, खेतन में हरियाली लाथस…………
संग में तोर ठंडकता लाथस, ताय भुइंया शीतल कर जाथस
नवानवा तैं फूलखिलाथस, जंगल मं तो मंगल कर जाथस

तैं दुनिया के रक्षाकरइया,तोर बिन हमला कोन देहि पानी
अन्नदात्री तैं महारानी, तैं धन्य हस बरखा रानी…………
जब तें किरपाकरथस रानी, जग में भर जाथे तो पानी
"तोर उपर अरमान हमर हे, तोर उपर अब परान हमर हे"
एखरे सेती तोर करतथन आगवानी, चाहे राजा रहे के रानी
सब मरजाहींबिनपानी,पशु,पक्षी,मानव सबके जीनगानी
तुमन जब जाथो हो रानी, तब रो पड़थे इहां सबो परानी (प्राणी)
यह सच हे करुण कहानी, तैं अब इहें रइह मनमानी…………
तब हमन भी सुख करबोे, नवा जीवन जीए तो सकबो
तैं धन्य हस बरखा रानी, मरतपियासेल देथस पानी..!!

न्यू २

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