एक बलात्कार होने पर पुरे देश में कम से कम २० से २५ लाख लोग आरोपी की गिरफ्तारी के लिए सड़क पर उतर जाते हैं, धरना प्रदर्शन किया करते हैं आंदोलन किया करते हैं, कैंडल मार्च निकाला जाता है, सीबीआई जांच की मांग की जाती है, स्थानीय पुलिस, अधिकारी, नेताओं की इस्तीफा मांगा जाता है, सड़क जाम करने पर कई मरीजों को डाइवर्ट रास्ते से अस्पताल जाना पड़ सकता है भगवान न करे लेकिन कई मरीजों की जान भी चली जाती है,कई व्यवसासियों को बंद के कारण भारी नुक्सान भी हो सकता है, कई गरीब जो रोज कुंआ खोदकर पानी पीते हैं मतलब रोज कमाने पर ही खा पाते हैं, भुखे रह जाते हैं, सभी लोगों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव भले न पड़े लेकिन कईयों को भारी नुक्सान भी हो सकता है, सरकार के भी नुकसान होती है, भीड़ को संभालने के लिए पुलिस,आर्मी, सीआरपीएफ के जवानों को उन लोगों पर डंडे भी बरसाने पड़ते हैं जिनके सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद उनकी ही है, आंदोलन उग्र होने पर सरकारी संपत्ति को बड़ी नुकसानी होती है, और कई आंदोलनकारियों के जान और स्वास्थ्य को भी खतरा रहता है,एक बहन बेटी को न्याय दिलाने के चक्कर में इतना भारी नुक्सान हो जाता है।
मेरे कहने का मतलब यह है कि इतनी बड़ी संख्या में एकत्र हो कर आंदोलन करने के बजाय १० प्रतिशत मतलब २-३ लाख की संख्या में एकत्र हो कर आराम से आरोपी तक पहुंच कर सभी केवल एक एक हाथ लगाएं तो बहन को न्याय भी मिल जाएगा और एक राक्षस की हत्या पर आखिर कितने लोगों पर और कहां कहां ३०२ लगाया जाएगा,क्योंकि देश के कोने-कोने से लोग आयेंगे, अपने बहन बेटी को न्याय देने। हर चीज के लिए कानून पर उम्मीद नहीं करनी चाहिए, कभी कभी लोकतांत्रिक देश होने के नाते लोकतंत्र के उचित सदुपयोग भी करने चाहिए।
एक बात और,हर चीज पर ऊपर वाले पर भरोसा नहीं करना चाहिए, कभी कभी उनके यहां भी अंधेरे हो जाती है जब हम देर कर देते हैं।
संविधान के भरोसे न रहे,भारत में संविधान से ऊपर है लोकतंत्र, इसलिए ही तो लोकतंत्र के चुने नेताओं के बहुमत से संविधान के अनुच्छेद में भी संसोधन हो पाता है।
संविधान की समीक्षा करने व समाज कल्याण के बारे में सोचने बोलने का अधिकार है उसी का सदुपयोग किया हूं, ज्यादा बुरा लगे तो भुल जाइएगा और अच्छी लगे तो जरूर अपनाइएगा शायद एक ही ऐसे घटना के बाद से बलात्कार की जो सोंच पनपती है बलात्कारी ही नहीं बल्कि ऐसी घटिया सोच ही थर्राने लगे और फिर भारत में नारी शक्ति सुरक्षित रहें, इसके लिए अधिक भुमिका भी नारी शक्ति को ही निभाने होंगे क्योंकि पुरूषों पर तो केस दर्ज किया जा सकता है लेकिन कितने नारी शक्ति पर मुकदमा दायर कर सकेगी प्रसाशन, जिन पुलिसकर्मियों को अधिकारियों को यह पोस्ट बुरा लगे याद रखें आपको जन्म देने वाली भी एक नारी है, कृपया नारी का सम्मान करे व अधिक से अधिक शेयर करें और लोगों में न्याय नहीं मिलने पर छिनने का भावना को उत्प्रेरित करें।
जय माता दी
जय नारी शक्ति
जय श्री राम
जय श्री कृष्ण
जय महाकाल
हर हर महादेव 🌻
समीक्षा/आलोचना/मार्गदर्शन सादर आमंत्रित हैं
दसनाम गोस्वामी समाज सेवक
✍ पं.खेमेस्वर पुरी गोस्वामी ✍
युवा साहित्यकार-धार्मिक प्रवक्ता
मुंगेली छत्तीसगढ़
७८२८६५७०५७